नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट (Balaghat) में करीब 6 साल के इंतजार के बाद नागपुर के मोतीबाग से लगभग 180 किमी. का सड़क मार्ग का सफर कर जिले की 100 साल पुरानी नैरोगेज ट्रेन (Nerogage Train) का इंजन बालाघाट के पुरातत्व शोध संग्रहालय (Archaeological Research Museum) में पहुंच गया है। जिसके बाद यहां सालों से खड़ी बोगी से इस इंजन को जोड़ दिया गया। साथ ही पुरातत्व प्रेमियों और जिलेवासियों का धरोहर जक्शन का सपना पूरा हो गया।
पुरातत्व प्रेमियों के 6 साल पहले से किए जा रहे प्रयास आज सफल हो गया है। बता दें कि बालाघाट जिले में नैरोगेज ट्रेन का काफी पुराना इतिहास रहा है। गोंदिया, बालाघाट से जबलपुर के लिए जिलेवासी इसी ट्रेन में सफर किया करते थे। कम स्पीड में चलने के कारण इस नेरोगेज ट्रेन को जिलेवासी छुक-छुक ट्रेन के नाम से भी जानते हैं।
कोचिंग सेंटर के बाहर बच्चों की तरह भिड़े पैरेंट्सः पालकों के बीच मारपीट का वीडियो वायरल
कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा ने पुरातत्व प्रेमियों तथा जनता की उपस्थिति में पूजा अर्चना कर इतिहास पुरातत्व शोध संस्थान के समीप पहले से प्लेटफार्म पर स्थापित बोगी से इंजन को जोड़ दिया।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक