राकेश चतुर्वेदी,भोपाल/बालाघाट। मध्यप्रदेश ने आज इतिहास रच दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के “2026 तक देश को नक्सल-मुक्त बनाने” के अभियान को मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने समय से पहले ही साकार कर दिखाया। प्रदेश के आखिरी रजिस्टर्ड हार्डकोर नक्सली दीपक उर्फ मंगल उइके और रोहिदास उर्फ रोहित ने बालाघाट में आत्मसमर्पण कर दिया। इन दोनों पर कुल 43 लाख रुपये का इनाम था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज बालाघाट, मंडला और डिंडोरी के पुलिस अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की और बधाई दी। 

READ MORE: बालाघाट में 29 लाख के इनामी नक्सली दीपक ने किया सरेंडर: साथी के साथ पहुंचा CRPF कैंप, 1995 से मलाजखंड दलम में था सक्रिय     

सीएम ने कहा, लाल सलाम को मध्यप्रदेश में आज आखिरी सलाम दे दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी का सपना था कि देश नक्सल-मुक्त हो, मध्यप्रदेश ने इसे सबसे पहले साकार कर दिखाया। मात्र 42 दिनों में 42 नक्सलियों ने सरेंडर किया। इनमें 7 करोड़ 75 लाख रुपये के इनामी नक्सली भी शामिल हैं। सीएम ने कहा, “हमारा अभियान था – या तो मार देंगे या सरेंडर करवा देंगे। आज लाल आतंक या तो धराशायी हो चुका है या उसने घुटने टेक दिए हैं। 

READ MORE: BREAKING : चुनाव आयोग ने SIR के लिए तारीख बढ़ाई, CG-MP समेत छह राज्यों के लिए संशोधित शेड्यूल जारी

सीएम ने नक्सल ऑपरेशन में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि अब बालाघाट, मंडला और डिंडोरी में विकास का नया इतिहास लिखा जाएगा। इन क्षेत्रों में एक हजार से अधिक जवान और 850 गोपनीय पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा, “जो लोग अपनी सेना, अपना कोर्ट, अपना टैक्स सिस्टम चलाते थे, वे गैर-मानवतावादी थे। आज वे सब समाप्त हो चुके हैं। अब इन इलाकों में स्कूल, अस्पताल, सड़कें और रोजगार आएंगे। सीएम ने सभी पुलिस अधिकारियों और जवानों को बधाई दी और कहा, “मध्यप्रदेश ने दिखा दिया कि अगर इच्छाशक्ति हो तो लाल आतंक को जड़ से खत्म किया जा सकता है। आज के इस ऐतिहासिक सरेंडर के साथ मध्यप्रदेश आधिकारिक तौर पर नक्सल-मुक्त राज्य बन गया है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H