शिखिल ब्यौहार,भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल के बीच आज सीएम शिवराज ने स्मार्टसिटी पार्क में मेट्रो मॉडल कोच का लोकार्पण किया है। राजधानी भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन की पूरी तैयारी है। इसी के चकते सितंबर मध्य में मेट्रो ट्रेनों के ट्रायल रन का शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा कि MP मेट्रो में आपका स्वागत है। इसके साथ ही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में विकास की गंगा बह रही।
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सीएम शिवराज सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक संकल्प पूरा हो रहा है, एक सपना साकार हो रहा है। मध्य प्रदेश बदल रहा है और तेज़ी से बढ़ रहा है। सीएम शिवराज सिंह ने आगे कहा, कमलनाथ को 15 महीने की सरकार में काम नहीं हुआ। फिर कोरोना के कारण काम रुका रहा। इसके बाद फिर सब परिस्थिति संभली तो फिर कार्य जारी किया और आज कोच का अनावरण किया गया है। सीएम शिवराज सिंह ने कहा मैं आप सभी को बधाई देता हूं।
सीएम शिवराज ने प्रदेश में विकास की गंगा बह रही है। सीएम शिवराज सिंह ने बताया कि कल के कार्यक्रम में अवैध कॉलोनी को वैध कर 35 लाख लोगों की जिंदगी बदली है। वहीं सीएम ने कहा कि मेट्रो को भोपाल से मंडीदीप और सीहोर तक चलाया जाएगा। सीएम शिवराज ने कहा कि 2016 में हमने सपना देखा था। हम तेजी से काम कर रहे है।
आम जन भी मेट्रो मॉडल कोच को अब देख सकेंगे। कोच का इंटीरियर वैसा ही है जैसा मेट्रो ट्रेन का हैं। इसके साथ ही भोपाल और इंदौर में ट्रेन के ट्रायल रन की तैयारी पूरी है। इसी के चकते सितंबर मध्य में मेट्रो ट्रेनों के ट्रायल रन का शुभारंभ किया जाएगा। जानकारी ने लिए बतादें कि मेट्रो परियोजना के अंतर्गत भोपाल- इंदौर में ओरेंज लाइन और ब्लू लाइन का निर्माण किया जा रहा है।
वहीं भोपाल- इंदौर मेट्रो परियोजना का कार्य दिसंबर 2026 तक पूरा हो जाएगा। भोपाल मेट्रो लाइन की लंबाई 31 किमी और लागत 7000 करोड़ है। हैं इंदौर मेट्रो लाइन की लंबाई भी 31 किमी और लागत 7500 करोड़ हैं।
भोपाल और इंदौर मेट्रो की विशेषताएं
- टेक्शन और पावर सप्लाई
- शहर की सुंदरता बनाए रखने हेतु तार के जालों से मुक्त विश्वसनीय विद्युतीकरण प्रणाली 750 वॉल्ट डीसी थर्ड रेल।
- 132 केवी विद्युत आपूर्ति भूमिगत केबल नेटवर्क मप्र में पहली बार
- बेहतर मानव सेफ्टी के लिए मोटर चालित शॉर्ट सर्किट डिवाइस
- आपातकालीन यात्री निकासी के लिए थर्ड रेल पावर का स्वचालित स्विच
- छत के ऊपर सौर पैनल।
- ऐसे तैयार किए जा रहे है स्टेशन
- ऊर्जा बचत हेतु स्वचालित प्रकाश नियंत्रण के साथ स्मार्ट प्रकाश व्यवस्था
- यात्री सुरक्षा के लिए अग्निशमन प्रणाली की व्यवस्था
- यात्री सुरक्षा के लिए स्टेशन प्लेटफार्म पर आपातकालीन पावर स्विच ऑफ सिस्टम
- ऊर्जा कुशल एयर कन्डिशनिंग
- ईवी चार्जिंग से युक्त स्टेशनों के साथ दोपहिया पार्किंग की व्यवस्था
- यात्रियों के लिए स्टेशन के सार्वजनिक क्षेत्र में मोबाइल चार्जिंग पॉइंट की सुविधा उपलब्ध होगी।
- कम धुआं उत्पन्न करने वाले शून्य हेलोजन केबल
सिग्रलिंग और टेलीकॉम
- कुशल परिचालन क्षमताओं एवं समय की बचत हेतु उन्नत CBTC तकनीक एवं स्वचालित समय सारिणी विनियमन (एटीआर) प्रणाली।
- सुरक्षित और कुशल संचालन के लिए परिचालन प्रौद्योगिकी (ओटी) साइबर सुरक्षा ।
- मेनलाइन संचालन के साथ बेहतर एकीकरण के लिए सीबीटीसी क्षमता वाले उन्नत डिपो संचालन।
- सुचारू और सुरक्षित चालक रहित ट्रेन संचालन के लिए घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली (आईडीएमएस)
- यात्रियों को समय पर सूचना प्रदान करने हेतु उच्च तकनीक वाली फाइबर ऑप्टिक ट्रांसमिशन सिस्टम ।
लिफ्ट और एस्केलेटर
भोपाल और इंदौर मेट्रो सेवाओं में लिफ्ट और एस्केलेटर दिव्यांग लोगों के साथ सभी यात्रियों के लिए सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इसके साथ ही भोपाल और इंदौर मेट्रो स्टेशनों में लिफ्ट ग्राउंड लेवल से कॉनकोर्स लेवल तक और कॉनकोर्स लेवल से प्लेटफॉर्म लेवल तक बाधा रहित पहुंच प्रदान करेगी। जिससे यह सुनिश्चित होता है कि दिव्यांग या सीमित गतिशीलता वाले व्यक्ति शारीरिक रूप से कील चेयर के साथ यात्रा करने की सुविधा के साथ निर्वाध रूप से यात्रा कर सकें।
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वहीं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए लिफ्ट कार और लैंडिंग के अंदर ब्रेल बटन की सुविधा, दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए जमीनी स्तर से प्लैटफॉर्म स्तर तक जुड़े लिफ्ट के प्रवेश द्वारों पर स्पर्शनीय फर्श और बधिर व्यक्तियों के लिए लैंडिंग प्रवेश द्वार और लिफ्ट के अंदर एक झंकार के साथ घंटियों की सुविधा ।
साथ ही यात्रा के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की आसानी के लिए सभी लिफ्टों में स्टेशन नियंत्रण कक्ष से जुड़ी लिफ्ट के अंदर ऑटो कॉल सुविधा, इंटरकॉम और अलार्म की सुविधाएं दी जा रही है। इसके साथ ही लिफ्ट को फायर अलार्म सिस्टम के साथ एकीकृत किया गया है और आग लगने की स्थिति में लिफ्ट में निकासी लैंडिंग पर पहुंचने की सुविधा होगी।
स्टेशनों पर सभी लिफ्ट को सभी आवश्यक आपातकालीन निकासी साइनेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रवेश और निकास द्वार से दोनों प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के लिए एस्केलेटर दिए जाएंगे। भोपाल और इंदोर मेट्रो में आधुनिक एस्केलेटर ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों के साथ डिजाइन किए गए है, जिनमें कम यात्री यातायात के दौरान गति नियंत्रण प्रणाली और स्टैंडबाय मोड शामिल हैं। ये ऊर्जा खपत को कम करने में योगदान करते हैं।
अधिकतम यात्री क्षमता
दिसम्बर 2026 में परियोजना के वर्तमान स्वीकृत चरण के पूर्ण होने पर दोनो भोपाल एवं इंदौर शहर में प्रतिदिन 7 लाख से अधिक यात्री उधगम स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक सुविधाजनक रूप एवं कम समय में यात्रा कर सकेंगे।
इंदौर मेट्रो रेल परियोजना की सामान्य जानकारी
इंदौर मेट्रो परियोजना के अंतर्गत इंदौर शहर में येलो लाइन का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी लम्बाई 31.3 किलो मीटर है, इस लाइन में 8.7 किलो मीटर का अंडरग्राउंड भाग भी है।
येलो लाइन में 21 एलिवेटेड स्टेशन हैं
- गांधी नगर, सुपर कॉरिडोर-6,5,4,3,2,1,
-भवर कुआ चौराहा
-एम् आर -10,
-आई एस बी टी
-चन्द्रगुप्त चौराहा
-हीरा नगर
-बापट चौराहा
-मेघदूत गार्डन
-विजय नगर चौराहा - मालवीय नगर चौराहा
-शहीद बाग़
-खजराना
-बंगाली चौराहा
-पत्रकार कॉलोनी
-पलासिया
- सात अंडरग्राउंड स्टेशन
- -इंदौर रेलवे स्टेशन
- -राजवाड़ा
- -छोटा गणपति
- -बड़ा गणपति
- -रामचंद्र नगर
- -कालानी नगर
- -एयरपोर्ट
प्रथम चरण में गांधी नगर से लेकर सुपर कॉरिडोर -03 तक के 6 किलोमीटर, के भाग को जून 2024 में सर्व साधारण के लिए मेट्रो रेल यातायात की सुविधा उपलब्ध करने की योजना है। वहीं सितम्बर 2023 में इस भाग में ट्रेन्स के ट्रायल्स प्रारम्भ किए जाएंगे। इसके उपरांत शीघ्र ही गांधी नगर से रैडिसन तक के 17.0 किलो मीटर भाग में भी सर्व साधारण के लिए मेट्रो रेल की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट की सम्पूर्ण परियोजना को दिसंबर 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
भोपाल और इंदौर मैट्रो की विशेषताएं
- ऑटोमैटिक डोर, स्टार्ट-स्टॉप और इमर्जेंसी हैंडलिंग (अन अटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन)
- सायबर अटैक व हैकिंग से सुरक्षित
- यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटोमैटिक ऑब्सटेकल व डिरेलमेंट डिटेक्शन
- कोच में 50 यात्रियों के बैठने और 300 के खड़े होने की क्षमता
- हर दो मिनिट में आने-जाने की फ्रीक्वेंसी
- ब्रैक के साथ ऊर्जा री-जनरेशन तकनीक से ऊर्जा की बचत
- कोच में होगी जर्म कंट्रोल और एयर-फिल्ट्रेशन की तकनीक, हमेशा स्वच्छ रहेगी वायु
- कोच में लगे CCTV होंगे AI तकनीक से संचालित
- ऑटोमैटिक ऑब्जेक्ट आइडेंटिफिकेशन (कैमरे करेंगे चेहरों की पहचान)
- ऑटोमैटिक व स्मार्ट प्रकाश नियंत्रण व्यवस्था
- हाइलेवल पैसेंजर सेफ्टी (HL3 Stansard)
- दिव्यांगों के लिए विशेष व्हील चेयर्स व उनके अनुकूल बैठने का स्थान नियत
- कोच मैंटीनेंस की 15 साल की सेवा गारंटी
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