शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनावी माहौल के बीच सरकारी अनियमित और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। कर्मचारी अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे है। वहीं अलग अलग विभागों के दो दर्जन से अधिक संगठन हड़ताल में शामिल हुए है।

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राजधानी भोपाल में अनियमित और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का राज्य स्तरीय आंदोलन शुरू हो गया है। नियमितीकरण, सातवां वेतन मान, समयमान वेतनमान की प्रमुख मांग को लेकर प्रदेश के करीब साढ़े चार लाख कर्मचारी हड़ताल कर रहे है। कर्मचारियों ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया हैं।

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अनिश्चितकालीन हड़ताल में प्रदेश के 9 संवर्ग के कर्मचारी स्थाई कर्मी, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, मास्टर रोल कर्मचारी,अंशकालीन कर्मचारी मानदेय प्राप्त कर्मचारी,पंचायत चौकीदार, पीटीएस कर्मचारी, वन सुरक्षा श्रमिक, रसोईया प्रदेश भर से शामिल है।

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अनिश्चितकालीन हड़ताल में प्रदेश के शासकीय विभागों, निगम मंडल, नगरी निकाय,पंचायती निकाय, सहकारी संस्था,परिषद संघ, आयोग, सरकार की 50 प्रतिशत भागीदारी से संचालित संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारी बड़ी संख्या में सहभागिता कर रहे है।

ये हैं प्रमुख मांगें

  • स्थाई कर्मियों को वर्ष 2016 से एरियार सहित सातवें वेतनमान का लाभ देने नियमित किया जाए।
  • दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित स्थाई कर्मी बनाया जाए
  • मस्टर रोल कर्मचारियों को नियमित किया जाए
  • अंशकालीन कर्मचारियों को नियमित करने एवं कलेक्टर दर का वेतन दिया जाए।
  • पंचायत चौकीदारों को कर्मचारी का दर्जा देने एवं न्यूनतम वेतनमान का लाभ दिया जाए।
  • पार्ट टाइम सुरक्षाक पी टी एस कर्मचारियों को पूर्ण कालिक कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
  • वन सुरक्षा श्रमिकों को कलेक्टर दर का वेतन देने एवं वर्दी दी जाए बीमा किया जाए।
  • रसोईया कर्मचारीयों की वेतन वृद्धि की जाए एवं नियमित किया जाए।
  • अनियमित कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाए।
  • अनियमित कर्मचारी की मृत्यु होने पर 10 लाख रुपए का आर्थिक अनुदान दिया जाए एवं सेवानिवृत होने पर 10 लाख रुपए की ग्रेजुटी दी जाए।
  • अनियमित कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा एवं अवकाश सुविधा का लाभ दिया जाए।
  • अनियमित कर्मचारियों को पेंशन सुविधा का लाभ दिया जाए।

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