शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के चुनावी माहौल में हड़ताल का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में अपनी चार सूत्रीय मांग को लेकर यूजी और पीजी के करीब 4 हजार जूनियर डॉक्टर ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। जिससे प्रदेश के सभी आयुर्वेदिक कॉलेज में चिकित्सा सुविधा ठप हो गई। हड़ताल की वजह से आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा से लेकर ओपीडीपी प्रभावित हो रहे है।

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प्रदेश के करीब 4 हजार जुडा खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज पर राज्य स्तरीय धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल पर बैठे है। जूनियर डॉक्टर एमबीबीएस के समान स्टाइपेंड की मांग को लेकर लोक सेवा आयोग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी पद के लिए हर साल भर्ती परीक्षा की मांग कर रहे है। मध्य प्रदेश आयुर्वेद छात्र संघ का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल चलेगी। हड़ताल की वजह से प्रदेश के सभी साथ आयुर्वैदिक कॉलेज में मेडिकल फैसेलिटीज ठप हो गई हैं।

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यह है चार सूत्रीय मांग

  • मध्यप्रदेश के आयुर्वेद इंटर्न ,गृह चिकित्सक , तथा पी.जी. स्कॉलर को दी जाने वाली शिष्यवृत्ति (स्टाइपेंड) को समयानुसार संशोधित न किये जाने के कारण विसंगति उत्पन्न हो रही है । अतः भारतीय केंद्रीय चिकित्सा परिषद (NCISM) के नियमानुसार आयुर्वेद अध्येताओं की शिष्यवृत्ति /मानदेय में वृद्धि कर राज्य के अन्य विभागों की तरह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से जोड़े तथा शिष्यवृत्ति में प्रतिवर्ष वृद्धि , वर्ष के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI ) के आधार पर करे ।
  • मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविधालय जबलपुर द्वारा स्नातक ,एवम स्नातोंकोत्तर अध्येताओं की परीक्षा एवम अन्य शैक्षणिक गतिविधियो को विश्वविधालय द्वारा शैक्षणिक दैनंदिनी (अकादमिक कैलेंडर ) अनुसार पूर्ण किया जाय तथा सत्र 2018- 2019 एवम 2019-2020 की विलंब से चल रही शैक्षणिक गतिविधियां समय से पूर्ण कराई जाए ।
  • मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत लोक सेवा आयोग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी हेतु प्रतिवर्ष नवीन पदों को सृजित किया जाए
  • एवम मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न निकाय (नगरनिगम , पुलिस विभाग ,वन विभाग ,जेल विभाग इत्यादि ) में प्रतिवर्ष नियमित भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी कर परीक्षा आयोजित कराई जाय ।
  • प्रदेश के आयुर्वेद स्नातकोत्तर अध्येताओं को अन्य राज्यो की तरह चिकित्सीय अवकाश (Medical Leave ) प्रदान किया जाए।

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