सुशील खरे, रतलाम। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 17 नवंबर को हैं। इसी कांग्रेस और बीजेपी ने चुनाव में प्रचार प्रसार करने के लिए अपनी ताकत झोंक दी है। इसी कड़ी में कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा की आमसभा शहर के बाजना बस स्टैंड चौराहे पर आयोजित हुई, जिसमें उन्होंने बीजेपी विधायक चेतन कश्यप पर निशाना साधते हुए कहा कि विधायक बताएं कि आपने 10 साल में क्या किया, हमने पूरी किताब लिख दी इस सरकार के खिलाफ, कि कितने कितने घोटाले किए।
कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा ने कहा कि हमारे काम जिसमें से 8 लाख 57 हजार तो हमने नोटिफाई कर पब्लिश किए हैं। 2012 में नमकीन क्लस्टर को मैंने स्वीकृत करवाया और उसका पत्र भी मेरे पास हैं। सकलेचा ने कहा मेरे विधायक काल में नमकीन क्लस्टर का भूमि पूजन 18 अगस्त 2013 हुआ था। आपने क्या बनाया, आपने कौन से उद्योग बनाया, हमने बनाया नमकीन क्लस्टर हम लाए स्वीकृत कराकर, आप क्या लाए?
उन्होंने कहा चेतन कश्यप 4 से 5 भाटों को पाल लेने से कोई गीदड़ शेर नहीं बन जाता। शेर वह हैं जो सड़कों पर घूमता हैं, जनता को फेस करता हैं, सड़कों पर हम घूमते हैं तो हमको कोई वाह वाही नहीं मिलती। हमारे कार्यकाल की उपलब्धि दिलीप नगर बाय पास, प्रताप नगर ब्रिज, ट्रेनों को रोककर धरने देना, जावरा रोड का अंडर ब्रिज हमारे कार्यकाल में बना। जितने काम विधायक काश्यप गिनवा रहें हैं, यह सब मेरे कार्यकाल की उपलब्धि हैं और मेरे पास में इन सबकी स्वीकृति के पत्र मौजूद हैं।
सभा में जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र मयंक जाट ने संबोधन करते हुए कहा कि क्यों रो रहे हो झील आ रही है? मतलब भाजपा के लोग मान रहें हैं कि झील जो एक कंपनी हैं, जिसे रतलाम लाने का विधायक ने निकाय चुनाव से पहले समाचार पत्रों के माध्यम से वचन दिया था कि औद्योगिक विकास की और अग्रसर अपना रतलाम, और दुर्भाग्य हैं रतलाम का कि वही झील कंपनी बदनावर चली गई।
उन्होंने कहा आज रतलाम के युवा बेरोजगारी से जूझ रहें हैं। मैं आज खुले मंच आप सभी से पूछना चाहता हूं कि विधायक चेतन कश्यप के कार्यकाल को 10 साल पूर्ण हो गए, क्या अभी तक रतलाम के युवाओं के लिए इन्होंने कोई रोजगार उपलब्ध करवाया हैं? इस बात को आप सभी जानते हैं 10 साल में हमारे रतलाम शहर में कौन सा उद्योग आया हैं ? मैं उन बेरोजगार युवाओं से पूछना चाहता हूं कि इन्होंने ने आपको कौन सा सम्मानजनक रोजगार दिया हैं। अगर विधायक काश्यप राम होते तो उसी बुजुर्ग माता के चरणों में बैठकर जामुन खाते। अरे भैया जंगल में मोर नाचा किसने देखा, और एक पारस सकलेचा हैं। जो कुष्ठ रोगियों वाली ईश प्रेम बस्ती में गए और वहां माता बहनों के साथ में बैठे और उनके हाथ से भोजन किया।
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