शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के चुनावी दौर में घोषणाओं का सिलसिला जारी है। इन घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी। इसी बीच वित्त विभाग ने घोषणाओं पर होने वाले खर्च का खाका भी तैयार किया है। इन आंकड़ों में चौकाने वाले तथ्य निकलकर सामने आए है। वर्तमान में 3.30 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार चुनावी दौर में की गई घोषणाओं पर सालाना 21 हजार 864 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करेगी।

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सरकार का औसतन खर्च 22 हजार करोड़ प्रतिमाह से बढ़कर 23 हजार 822 करोड़ होगा। वहीं हर महीने का 1 हजार 822 रुपए प्रति माह खर्च बढ़ेगा। सरकार की नई घोषणाओं के कारण प्रतिमाह 23 हजार 822 करोड़ खर्चा होगा। हर माह 1 हजार 822 रुपए बढ़ेगा।

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इसके साथ ही चुनावी माहौल में सालाना 21 हजार 864 करोड़ अतिरिक्त खर्च होंगे। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना पर सालाना खर्च 15 हजार करोड़ खर्चा किए जाएंगे। वहीं ग्राम रोजगार सहायकों के मानदेय पर 274.95 करोड़ प्रति वर्ष रहेगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय पर 371 करोड़ सालाना होगा। तो कर्मचारियों को 42% महंगाई भत्ता पर 1520 करोड़ सालाना रहेगा।

वहीं संविदा कर्मियों के समान वेतन पर 720 करोड़ सालाना और नई भर्तियों पर कुल 3600 करोड़ सालाना तय किया गया। लैपटॉप योजना पर 196 करोड़ सालाना खर्ज किया जाएगा। तो वहीं ई-स्कूटी योजना पर 135 करोड़ सालाना रहेगा। ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित मानदेय पर 56.38 करोड़ होंगे। प्रतिवर्ष खर्च वर्तमान में सरकार पर 3.30 लाख करोड़ का खर्च रहेगा।

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