शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में 2012 में हुए व्यापम घोटाले में शुक्रवार को अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में 5 आरोपियों को 7-7 साल की सख्त सजा सुनाई है। उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने 4 आरोपियों को बरी कर दिया है। विशेष न्यायाधीश नीति राज सिंह सिसोदिया ने फैसला सुनाया है।

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दरअसल, व्यापम ने साल 2012 में मध्य प्रदेश जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। जिसमें 04 परीक्षार्थियों प्रदीप सिंह रावत, विजय त्यागी, देवेंद्र गौड़ एवं दीवान पलिया ने अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति की मदद लिखित परीक्षा पास करने में ली। इसमें प्रदीप सिंह रावत के स्थान पर नितिन उपाध्याय ने परीक्षा दी थी।

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अदालत ने 62 गवाहों और लगभग 250 दस्तावेजों के आधार पर 5 आरोपियों, प्रदीप सिंह रावत, विजय त्यागी, देवेंद्र गौड़ एवं दीवान पलिया और नितिन उपाध्याय को सजा सुनाई है। सभी को न्यायालय ने सात-सात वर्ष कठोर कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया है।

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