मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। शारदीय नवरात्र की धूम खत्म होने के बाद स्थापित की गई सभी दुर्गा जी की मूर्तियों के विसर्जन का सिलसिला जारी है। ऐसे में राजधानी भोपाल के विट्ठल मार्केट पंडाल में विराजित सबसे महंगी मूर्ति जिसकी कीमत 70 लाख है, इसे घाटों में वापस कर दिया जाता है। ताकि आने वाले समय में उस मिट्टी का फिर से इस्तमाल हो सके।

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दरअसल भोपाल के विट्ठल मार्केट पंडाल में अनोखे तरीके से विसर्जित किया जाता है। यहां मां दुर्गा की झांकी में रखी गई अन्य मूर्तियों को एक बार पानी से निकाल कर विसर्जन किया जाता है। तो मां की सबसे बड़ी मूर्ति को विसर्जित करने की जगह जय मां वैष्णो दुर्गा उत्सव समिति मूर्तिकार को वापस कर देती है।

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बतादें कि, यहां मां दुर्गा की तीन फीट की प्रतिमा रखी जाती है, जिसकी 9 दिन पूजा आराधना विधि विधान के साथ होती है। केवल इस प्रतिमा का विसर्जन रीति रिवाज से किया जाता है। यह प्रतिमा भी जल में विसर्जित करने के बाद फिर से मूर्तिकार को देते हैं। समिति का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए यह कदम उठाया गया है। पिछले 5 सालों से विट्ठन मार्केट दुर्गा पंडाल में रखी जाने वाली प्रतिमाएं नवरात्रि के बाद मूर्तिकारों को दे दी जाती हैं। ऐसे में प्रतिमाओं को सम्मान पूर्वक रिसाइकल किया जाता है। प्रतिमा की मिट्टी से दूसरी नई प्रतिमाएं बनाई जाती है।

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