यश खरे,कटनी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को बड़गांव में आयोजित रोड शो के दौरान वनोपज चिरौंजी बेचकर आत्मनिर्भर बन रहे निपनिया और केवलारी गांव की जनजाति समाज से भेंट की. मुख्यमंत्री ने जनजातियों द्वारा किए जा रहे चिरौंजी की बिक्री के कार्य को व्यावसायिक रूप से और अधिक सक्षम और सुदृढ़ बनाने के लिए दो लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की. जनजातीय समाज ने मुख्यमंत्री को चिरौंजी का पैकेट उपहार स्वरूप प्रदान किया.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय समाज को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में उठाए गए प्रयासों के लिए जिला प्रशासन की सराहना की. मुख्यमंत्री से रोड शो के दौरान मिले निपनिया और केवलारी के जनजातीय समाज ने बताया कि कृषि विभाग की आत्मा परियोजना की मदद से रानी दुर्गावती बहुउद्देशीय सहकारी समिति का गठन कर चिरौंजी प्रसंस्करण की इकाई स्थापित करने के बाद से हम लोगों को चिरौंजी की अच्छी कीमत मिलना शुरू हुई है. मुख्यमंत्री यह सुनते ही बेहद खुश हुए.
MP BREAKING: एसआई ने टीआई को मारी गोली, खुद को थाने में किया कैद, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
मुख्यमंत्री ने समिति के सदस्य महेंश सिंह और मदन उरेती से बात कर चार की गुठलियों से चिरौंजी निकालने तक की पूरी प्रक्रिया की जानकारी ली. जनजातियों ने मुख्यमंत्री को चर्चा के दौरान बताया कि प्रसंस्करण यूनिट लगने के पहले तक व्यापारी और साहूकार उनसे मात्र 100 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से चिरौंजी खरीदते थे और खुद चिरौंजी को खुले बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे. लेकिन अब हम लोगों ने खुद अपने चिरौंजी की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग करते हैं और अब सौ ग्राम चिरौंजी 180 रूपए में बेचते हैं. मुख्यमंत्री ने जनजातीय वर्ग के आर्थिक उत्थान के लिए कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा किए गए सद्प्रयासों की भी प्रशंसा की.
उल्लेखनीय है कि जिले की बहोरीबंद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले निपानिया और केवलारी ग्राम के करीब 400 जनजातीय परिवार आसपास के वन में लगे चार वृक्ष से चिरौंजी की गुठलियों को तोड़कर वर्षों औने -पौने दामों में व्यापारियों को बेचते रहे हैं. व्यापारी भी इनके भोलेपन का फायदा उठाकर इन्हें बहला-फुसलाकर, इनसे महंगी ड्राई फ्रूट्स में शामिल चिरौंजी को मात्र सौ रुपए प्रति किलो ग्राम की सस्ती कीमत में खरीदकर खुद खुले बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे. लेकिन अब हालात बदल गए हैं, जनजातियों ने जिला प्रशासन की मदद से समिति बनाकर खुद की प्रसंस्करण इकाई लगाई और अब खुद चिरौंजी की पैकेजिंग और बिक्री कर आमदनी अर्जित कर रहे हैं.
कलेक्टर अवि प्रसाद स्वाद, गुणवत्ता और बेशुमार पोषक तत्वों से युक्त इस गांव की चिंरौजी की ग्लोबल ब्रांडिंग को अंजाम देने के प्रयासों में लगे हैं. कलेक्टर ने यहां निपनिया और केवलारी ग्राम के आस-पास चार के पौधों के सघन पौधारोपण कराने की योजना पर भी काम करने वन अधिकारियों को निर्देशित किया है.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक