शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में 230 सीटों पर कब्ज़ा जमाने के लिए सभी दल एक्टिव हो गए हैं। चुनाव की तारीख सामने आते ही वोटरों के साथ-साथ पार्टियां छोटे दलों से भी संपर्क करने में जुट गई हैं। वहीं इस बीच प्रदेश में दो बड़ी पार्टियों के गठबंधन की खबरें भी आ रही हैं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल ने बताया कि सपा प्रदेश में सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस से गठबंधन हो भी सकता है और नहीं भी। अखिलेश यादव इस पर आखिरी निर्णय लेंगे।
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सपा प्रदेश अध्यक्ष ने उम्मीदवारों की सूची पर कहा कि पितृ पक्ष के बाद उम्मीदवारों की सूची जारी होगी। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और सपा के बीच विचार मंथन हुआ है। कुछ सीटों को लेकर चर्चा भी हो चुकी है। राज्य में आगामी चुनाव में सपा की नजरें जहां उत्तरप्रदेश से सटे यादव बहुल्य सीटों पर हैं वहीं कांग्रेस आदिवासी सीटों को साधने की कोशिश में है। इसके लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लगातार आदिवासी क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।
आदिवासी सीटों की बात करें तो प्रदेश में जयस और अन्य आदिवासी दल भी सक्रिय हैं। सूत्रों के मुताबिक सपा ने निवाड़ी, बड़ामलहरा, बिजावर, मुलताई, परसवाड़ा सीटों पर रुचि दिखाई है जिसके बाद सर्वे शुरु हो चुका है। बताया यह भी जा रहा है कि जयस ने मालवा-निमाड़ और बैतूल जिले से सीटें मांगी है। हालांकि इन दलों के बीच सीट गठबंधन को लेकर चर्चाएं हो रही है लेकिन अब तक कुछ सामने नहीं आया है। आगामी दिनों में तस्वीर साफ़ हो जाएगी। अगर इन पार्टियों के बीच गठबंधन पर बात बनी तो सीट शेयरिंग को लेकर भी चर्चा की जाएगी। अब आने वाले दिनों में देखना यह होगा कि आखिर सपा और कांग्रेस गठबंधन कर एक दूसरे का हाथ थाम चुनावी मैदान में उतरेंगे या फिर दोनों बिना गठबंधन के ही 230 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा जैसी भ्रष्ट सरकार को रोकने हो सकता है गठबंधन
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर कहा कि गठबंधन संबंधित निर्णय लेना केंद्रीय नेतृत्व का अधिकार है। पिछले चुनाव में भी गठबंधन को लेकर चर्चाएं हुई थी। भविष्य में गठबंधन को लेकर कुछ खबर सुनने को मिल सकती है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा जैसी भ्रष्ट सरकार को रोकने के लिए गठबंधन हो सकता है। कई साथियों से हाथ मिलाएं जा सकते हैं। फिलहाल पुख्ता कुछ नहीं कहा जा सकता है।
एक दूसरे को हार का सहारा देने एक हो रहे
वहीं बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने दोनों दलों के गठबंधन पर कहा कि राजनीतिक प्रतिष्ठा को मिटता देख कई राजनीतिक दल एक हो रहे हैं। राजनीतिक दल तुष्टीकरण, जातिवाद और परिवारवाद के हैं। मोदी जी के विकासवाद और राष्ट्रवाद ने इन दलों को मिटाया है। दोनों दल एक दूसरे को हार का सहारा देने एक हो रहे हैं। UP में भी ऐसा ही प्रयोग किया जा चुका है। उसका परिणाम प्रदेश की जनता ने भी देखा है।
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