शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को सिर्फ 6 दिन बचे हैं। चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता के बीच 33 दिनों में 700 से अधिक चुनाव आयोग में शिकायत हुई है। इसमें से भाजपा ने 140 शिकायतें आयोग में दर्ज कराई। वहीं 300 से अधिक शिकायत अभी भी पेंडिंग हैं।

विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियों ने जहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी, वहीं एक-दूसरे की खामियों पर भी नजर रखी गई। खासकर बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। जरा की गलती या खामी नजर आई तो सीधा चुनाव आयोग में शिकायत कर दी जाती है। इसी कड़ी में पिछले 33 दिन में 700 से अधिक शिकायतें चुनाव आयोग पहुंची। यानी हर दिन 21 से ज्यादा शिकायतें की जा रही है।

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वहीं चुनाव आयोग ने प्रदेश में निष्पक्ष और विवाद रहित चुनाव कराने के लिए कई अहम कदम उठाएं है। वहीं राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं। हर दिन कांग्रेस और बीजेपी की ओर से चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई जा रही है। शिकायत करने में सबसे आगे कांग्रेस है, जबकि आयोग में भाजपा ने 33 दिनों के अंदर 140 शिकायतें दर्ज कराई। हालांकि भाजपा का दावा है कि प्रदेश भर में पुलिस थाने और प्रशासन में कांग्रेस के खिलाफ 1000 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई है।

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बतादें कि, कांग्रेस ने 400 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने सवाल भी उठाया है कि कभी 300 अधिक शिकायतों पर चुनाव आयोग की तरफ से एक्शन नहीं लिया गया है, जबकि गंभीर मुद्दों को लेकर शिकायत की गई है। इसमें प्रत्याशियों के नामांकन फार्म में गलत जानकारी और प्रत्याशियों की परिवार के अवैध लेनदेन, 3 साल से अधिक एक ही पर पद पर तैनाती, सरकार की योजनाओं को लेकर शिकायत, नेताओं की मदद का आरोप से जुड़ी शिकायतें शामिल है। इसके साथ ही राजनैतिक दलों की शिकायतों का आकंड़ा 500 से अधिक है।

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