भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को प्रदेश में किसानों को सालाना दस हजार रुपये किसान सम्मान निधि देने का ऐलान किया है. शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में अभी तीन किस्तों में सालाना छह हजार रुपये मिलते हैं. अब इसमें चार हजार रुपये राज्य सरकार मिलाएगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस कड़ी में प्रथम चरण में प्रदेश में मु.किसान कल्याण योजना प्रारंभ की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत पीएम सम्मान निधि के सभी पात्र हितग्राही किसान परिवारों को एक वित्तीय वर्ष में दो किश्तों में कुल 4000 रुपये का भुगतान किया जायेगा. किसान का कल्याण मेरे जीवन का ध्येय है.

किसानों के समग्र विकास की दृष्टि से हमने ये फैसला किया है कि इनके हित में जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, जैसे- RCB6(4)के अंतर्गत राहत देना, पीएम किसान सम्मान निधि, शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण देना, प्रधानमंत्री फसल बीमा आदि सभी योजनाओं को एक पैकेज के रूप में समाहित करके लागू करेंगे.

इसके साथ ही सहकारी बैंकों को कर्ज माफी की बकाया राशि भी दी जाएगी. कार्यक्रम में जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को 800 करोड़ों रुपए का अनुदान भी दिया गया. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसानों को बिना ब्याज के कर्ज देने का काम जारी रहेगा. इसमें पशुपालक और मत्स्य पालकों को भी जोड़ा जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस (17 सितंबर) से शुरू हुए गरीब कल्याण सप्ताह के तहत मंगलवार को 63 हजार किसानों को क्रेडिट कार्ड का वितरण किए गए. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संक्रमण के कारण खजाने की स्थिति अच्छी नहीं है लेकिन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. मैं रोने वाला मुख्यमंत्री नहीं हूं कि पैसा नहीं है. पिछली सरकार ने फसल बीमा के 22 सौ करोड़ रुपये का अंशदान जमा नहीं किया था, जिसकी वजह से किसानों को बीमा राशि नहीं मिल पा रही थी. सरकार में आते ही बीमा कंपनियों को राज्यांश दिया और किसानों को 31 सौ करोड़ रुपये का फसल बीमा दिलाया. इसके बाद 4600 करोड़ रुपये से ज्यादा का फसल बीमा हाल ही में 22 लाख से ज्यादा किसानों को दिया गया है.

यह भी विचार किया जा रहा है कि हितग्राही मूलक विभिन्न योजनाओं को एक करके किसानों के लिए पैकेज लागू किया जाए. सरकार समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदती है लेकिन 15-20 लाख किसान ही इस प्रक्रिया में हिस्सा लेते हैं. जबकि, प्रदेश में किसानों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा है. सहकारी समितियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सात हजार करोड़ रुपए का प्रविधान कृषि अधोसंरचना विकास के लिए किया है. इसका लाभ उठाने के लिए कार्ययोजना बनाएं.