भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासी उठापटक अब विधानसभा से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं होने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने मध्यप्रदेश में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है. मामले की मंगलवार को सुनवाई होगी.
इधर मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने अभिभाषण में अपने निर्देशों का पालन करने की बात कही. लेकिन स्पीकर एनपी प्रजापति ने इसे दरकिनार करते हुए सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी. इसके साथ ही फ्लोर टेस्ट की गुंजाइश खत्म हो गई. सदन से बाहर निकलने के बाद स्पीकर ने राज्यपाल से निर्देश नहीं मिलने की बात कहते हुए फ्लोर टेस्ट की बात को खारिज कर दिया.
राजभवन में बढ़ी गहमागहमी
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के साथ राजभवन में गहमागहमी बढ़ गई. सबसे पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह राजभवन पहुंचे और राजनीतिक हालात पर राज्यपाल लालजी टंडन से चर्चा की. दिग्विजय सिंह के राजभवन के बाहर निकलने के चंद पलों के बाद भाजपा विधायकों का प्रतिनिधिमंडल सभी 106 विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गए हैं. उन्होंने ने भी राज्यपाल से राजनीतिक हालत पर चर्चा की. इस बीच राज्यपाल ने सदन के साथ लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने की अपील की है.