शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। एक बार फिर वित्त विभाग ने 1 हजार करोड़ का कर्ज लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से यह ऋण 15 साल के लिए लिया गया है। इस साल अब तक 8 हजार करोड़ रुपये का ऋण लिया जा चुका है। प्रदेश के ऊपर करीब 3 लाख करोड़ रुपये का ऋण हो चुका है। फिलहाल चालीस हजार करोड़ रुपये से अधिक ऋण लेने की पात्रता है।
प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों और विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए देने के लिए शिवराज सरकार ने यह ऋण लिया है। सरकार अनुमानित बजट के मुताबिक 5701 करोड़ से अधिक राजस्व के घाटे में है। लिहाजा देश में चल रही विकास योजनाओं को फंड की कमी हो रही है।
मध्यप्रदेश पर अब तक इतना कर्ज
बता दें कि अब तक प्रदेश पर 3 लाख करोड़ का लोन है। इसमें राष्ट्रीय बचत योजना से 3756 करोड़ रुपये का कर्जा शामिल है। कुल कर्ज एक लाख 74 हजार करोड़ रुपये है। कंपनसेशन और अन्य ब्रांड पर 7360 करोड़ रुपये और वित्तीय संस्थाओं का कर्जा 12158 करोड़ रुपये है। केंद्र सरकार के लोन और एडवांस 44675 करोड़ पहुंच गया है। अन्य दायित्व कर्ज 22 हजार करोड़ है।
राज्य सरकार ने वर्ष 2017-18 में 11045 करोड़ का ब्याज दिया, वर्ष 2020-21 में 15917 करोड़ रुपये का ब्याज दिया, वहीं वर्ष 2021-22 में 20040 करोड़ रुपये दिया है।
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