सुधीर दंडोतिया, भोपाल. एमपी अजब है गजब है ऐसे ही नहीं बोला जाता है. मध्य प्रदेश में मंत्रियो की औसत संपत्ति 18. 54 करोड़ है उसके बाद भी सरकार उनका इनकम टैक्स (Income Tax) जमा कराती है, जबकि प्रदेश में आम नागरिक, अधिकारियों से लेकर चपरासी तक खुद अपना टैक्स भरते हैं.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने वेतन से आयकर चुकाती हैं. उन्हें लगभग पांच लाख रुपये वेतन मिलता है और इसमें से वे पौने तीन लाख रुपये के कर का भुगतान करते हैं. वहीं, मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मंत्री, विधानसभा उपाध्यक्ष से लेकर राज्यमंत्री तक का आयकर सरकार चुकाती है. इसके लिए कानूनी प्रविधान है और बजट का इंतजाम भी किया गया है. इस व्यवस्था को समाप्त करुने की मांग भी उठती रुही है, पर कभी आमराय नहीं बनी. यही वजह है कि यह व्यवस्था अब तक चली आ रही है.

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मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मंत्री, विधानसभा उपाध्यक्ष और राज्यमंत्री का आयकर चुकाने के लिए वेतन तथा भत्ता अधिनियम 1972 लागू है. इसमें प्रविधान है कि मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री या संसदीय सचिव को मिलने वाले वेतन-भत्ते पर आयकर सरकार द्वारा दिया जाएगा. इसके लिए बजट में प्रतिवर्ष प्रविधान किया जाता है. कमलनाथ सरकार के समय सरकार के मंत्रियों का आयकर जमा करने का प्रस्ताव आया था, जिस पर मंत्रालय के मुख्य लेखाधिकारी को राशि जमा करने के निर्देश दिए गए थे. तब इस व्यवस्था को बंद करने की मांग भी उठी थी पर बात आगे नहीं बढ़ी.

प्रत्येक तीन माह में प्रस्ताव

सरकार के पास प्रत्येक तीन माह में प्रस्ताव आता है और कटौती की राशि की प्रतिपूर्ति कर दी जाती है. जानकारी के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपाध्यक्ष को मिलने वाले वेतन-भत्ते पर जो आयकर बनता है, उसका भुगतान शासन करता है. विधानसभा के लिए आवंटित बजट में से यह राशि उपलब्ध करा दी जाती है.

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एक करोड़ रुपये है बजट

मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मंत्री, विधानसभा उपाध्यक्ष और राज्यमंत्री का आयकर जमा करने के लिए बजट में एक करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है. कर योग्य आय का आकलन करने के बाद संबंधित व्यक्ति के वेतन से आयकर की कटौती हो जाती है. यह राशि विभाग द्वारा उन्हें लौटाई जाती है.

किसे कितना मिलता है वेतन-भत्ता

  • मुख्यमंत्री- वेतन 50 हजार रुपये, सत्कार भत्ता 55 हजार रुपये, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 50 हजार रुपये, दैनिक भत्ता 45 हजार रुपये राज्य के भीतर और राज्य के बाहर ढाई हजार रुपये प्रतिदिन.
  • विधानसभा अध्यक्ष- वेतन 47 हजार रुपये, सत्कार भत्ता 48 हजारु रुपये, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 45 हजारु रुपये, दैनिक भत्ता डेढ़ हजार रुपये प्रतिदिन.
  • नेता प्रतिपक्ष- वेतन 45 हजार रुपये, सत्कार भत्ता 45 हजार रुपये, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 35 हजार रुपये, दैनिक भत्ता डेढ़ हजार रुपये.
  • कैबिनेट मंत्री- वेतन 45 हजार रुपये, सत्कार भत्ता 45 हजार रुपये, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 35 हजार रुपये, दैनिक भत्ता राज्य के भीतर 45 हजार रुपये प्रतिमाह और राज्य के बाहर ढाई हजार रुपये प्रतिदिन.
  • विधानसभा उपाध्यक्ष- वेतन 45 हजार रुपये, सत्कार भत्ता 45 हजार रुपये, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 35 हजार रुपये, दैनिक भत्ता डेढ़ हजार रुपये प्रतिदिन.
  • राज्यमंत्री- वेतन 40 हजार रुपये, सत्कार भत्ता 34 हजार रुपये, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 31 हजार रुपये, दैनिक भत्ता 45 हजार रुपये प्रतिमाह और राज्य के बाहर ढाई हजार रुपये प्रतिदिन.

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