राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार (MP government) ने पुलिस अफसरों पर बड़ी कार्रवाई की है. राज्य सरकार ने 2 पुलिस अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory retirement) दे दी है. जिसमें पुलिस अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा और निरीक्षक कृष्ण कुमार मिश्रा शामिल है. भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (zero tolerance) के तहत कार्रवाई की गई है.

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इन पुलिस अधिकारियों का सर्विस रिकॉर्ड (bad service record) काफी लंबे समय से खराब चल रहा था. उनके खिलाफ कई बार शिकायत भी मिली थी. ऐसे पुलिसकर्मियों के सर्विस रिकॉर्ड को खंगाला जो लगातार खराब होते जा रहे हैं और फिर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (zero tolerance) दिया जा रहा है.

दरअसल 50 वर्ष की आयु या 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के आधार पर यह कार्रवाई की जा सकती है. राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के संबंध में निर्धारित मापदंडों के आधार पर सेवानिवृत्ति दी गई है. दोनों पुलिसकर्मियों के विरुद्ध घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता, कदाचरण, नियम विरुद्ध कार्रवाई करने जैसे आरोप लगे थे.

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अनिल कुमार मिश्रा पर लगे थे ये आरोप

अनिल कुमार मिश्रा डीडी (1995) के विरुद्ध इंदौर पुलिस ऑफिसर मैस में संदिग्ध रूप से रुककर कदाचरण, संदिग्ध आचरण का परिचय और भारतीय दंड विधान में अन्य प्रकरणों में अनावश्यक रूप से विधि विरुद्ध हस्तक्षेप कर संदिग्ध आचरण का आरोप था. मिश्रा के विरुद्ध भोपाल, गाजियाबाद और जयपुर में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं.

कृष्ण कुमार वर्मा पर थे आरोप

निरीक्षक कृष्ण कुमार मिश्रा के खिलाफ थाना सौसर में अवैध रेत उत्खनन की रोकथाम, ओवर लोडिंग वाहन और उत्खनन करने वालों के खिलाफ बार-बार निर्देश किए जाने पर भी कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगे थे. अवैध गतिविधियों में लिप्त, विभाग की छवि को धूमिल करना और अनेक बार संदिग्ध आचरण का आरोप लग चुका है. उनके खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की गई है.

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