अजय शर्मा,भोपाल। केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों में उछाल आने के बाद बड़ा फैसला लेते हुए गेंहू के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार एक महीने के अंदर ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं विदेशों में एक्सपोर्ट कर चुकी है. जबकि कई अन्य देशों में भी गेहूं की बंपर डिमांड है. मध्य प्रदेश सरकार और भी गेहूं के एक्सपोर्ट करने की तैयारी में है.
ऐसे में केंद्र सरकार ने गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है. मध्य प्रदेश सरकार ने गुजरात और आंध्र प्रदेश के बंदरगाहों से बांग्लादेश, इंडोनेशिया, श्रीलंका संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम में पिछले दिनों गेहूं भेजा था. रूस और यूक्रेन के वार के चलते विश्व भर में गेहूं की डिमांड बढ़ी थी. मध्य प्रदेश सरकार ने अप्रैल से ही गेहूं का एक्सपोर्ट शुरू कर दिया था.
केंद्र सरकार ने विश्व भर में गेहूं सप्लाई के चलते राज्यों में संकट ना हो इसलिए एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है. हालांकि राहत की बात है कि 13 मई से पहले क्रेडिट किया गया गेंहू एक्सपोर्ट हो सकेगा. इस संबंध में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं.
बता दें कि मध्य प्रदेश में गरीबों को राज्य सरकार की तरफ से मुफ्त में गेहूं सप्लाई किया जाता है. सरकार बड़े पैमाने पर पीडीएस के जरिए गेहूं वितरण का काम करती है. ऐसे में राज्यों के पास स्टॉक की कमी ना हो, इसलिए केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है.
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