पुष्पलेश द्विवेदी, सिंगरौली। मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव इस बार बड़ा दिलचस्प होते जा रहा है। प्रदेश की ऐसी कई विधानसभा सीटें हैं जहां से कई प्रत्याशी अपनों के खिलाफ मैदान में ताल में ठोंक दिया है। कहीं चाचा-भतीजे आमने-सामने हैं तो कहीं नाना-नातिन कहीं फूफा भतीजी चुनावी रण में हैं। इसी तरह सिंगरौली जिले के देवसर विधानसभा में नाना और नातिन चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। नाना वंशमणी वर्मा कांग्रेस से प्रत्याशी हैं तो रिश्ते में नातिन सुषमा प्रजापति को समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। नातिन सुषमा पेशे से डॉक्टर हैं, पर क्षेत्र के लोगों की हालत को देखते हुए नातिन नाना के खिलाफ ही मैदान में उतर गई।
सुषमा प्रजापति का कहना है कि उनके पिता लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं, लेकिन राजनीतिक षड्यंत्र के वजह से वह चुनाव नहीं लड़ पाए, इसलिए जनता के अपार समर्थन मिलने से चुनाव मैदान में मैं उतरी हूं। सुषमा प्रजापति क्षेत्र में बेरोजगारी सहित अन्य स्थानीय मुद्दों के साथ लोगों के बीच जा रही, वही उन्होंने कहा की वंशमणि वर्मा जो मेरे नाना हैं उनको जनता ने देख लिया है अब नातिन को देखना चाहिए।
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बता दें कि, देवसर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान विधायक सुभाष रामचरित वर्मा का टिकट काटकर भाजपा ने राजेंद्र मेश्राम को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं पूर्व मंत्री रहे वंशमणि वर्मा फिर इस बार कांग्रेस पार्टी के चुनाव लड़ रहे हैं और उन दोनों प्रत्याशियों को सुषमा प्रजापति चुनौती देने के लिए मैदान में उतर गई है।
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