कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। समाज को गौ संरक्षण और उसके समर्थन के प्रति जागरूक करने के लिए ग्वालियर (Gwalior) में एक अनोखी शादी समारोह का आयोजन हुआ. जहां वर-वधू ने गौ माता (cow) का पूजन कर उन्हें साक्षी माना और वहां मौजूद लोगों को गौ वंश के हित में कार्य करने का संकल्प दिलाया, फिर सात फेरे लिए और अपने दांपत्य जीवन की शुरुआत की. इस मौके पर बड़ी संख्या में संत समाज के लोग मौजूद रहे. शंखनाद, मंत्रोचार हुआ और वर-वधू की शादी (Bride and groom got married) संपन्न हुई. न डीजे, न धूम धड़का, बल्कि अनोखी रस्म के साथ दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लिए.
दरअसल दुल्हन का दूल्हे से लिया एक वादा इस शादी को खास बनाता है. शादी से पहले गौ माता की सेवा (service to mother cow) करने वाली युवती ने अपने होने वाले पति से वादा लिया था कि वह सात फेरे तब लगी जब शादी में गौ माता का पूजन होगा. शंखनाद होगा और लोगों को गोवंश के संरक्षण और उसके संवर्धन का संकल्प दिलाया जाएगा. होने वाले पति ने भी अपनी होने वाली पत्नी को यह वादा दिया और फिर ग्वालियर के एक मैरिज गार्डन में हुई. यह शादी चर्चाओं में आ गई है.
आज के दौर में सड़कों पर गौवंश की उपेक्षा के चलते लोगों को अपने पुरातन संस्कारों से परिचित कराने के लिए ग्वालियर में यह अनोखी शादी हुई. जिसमें गौ माता को साक्षी मानकर वर वधु ने न सिर्फ एक दूसरे को वरमाला पहनाई, बल्कि वेद मंत्रों और इसके पाठ के बीच साधु-संतों की मौजूदगी में विवाह संपन्न भी कराया. डीआरपी लाइन में रहने वाली रंजना शर्मा की शादी आगरा निवासी यतेंद्र शर्मा के साथ तय हुई थी. रंजना की इच्छा से इस शादी को गौ माता की मौजूदगी में संपन्न कराया गया. वर पक्ष भी इसके लिए सहर्ष तैयार हो गया था. ऐसे में इस शादी का आयोजन शहर के एक मैरिज गार्डन हुआ.
इस मौके पर लाल टिपारा गौशाला के महंत ऋषभ देवानंद जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी हरिदास महाराज. महामंडलेश्वर स्वामी विष्णु दास महाराज और संत श्री समर्थ तीर्थ महाराज सहित अन्य मठ मंदिरों के साधु संतों ने इस अनोखे विवाह के साक्षी बनकर गौ माता की मौजूदगी में विवाह को संपन्न कराया और वर-वधू को अपना आशीर्वाद भी दिया.
रंजना के भाई अभिषेक शर्मा का कहना है कि समाज को गौमाता संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूक करने के लिए यह आयोजन किया गया था. सबसे पहले शंखनाद ध्वनि वेद मंत्रोच्चार के बीच वर वधु ने संतों की मौजूदगी में गौ पूजन किया. इसके साथ वरमाला कार्यक्रम भी वेद मंत्रोच्चार के बीच संपन्न हुआ. वही गोवंश के लिए काम करने वाले वंदे मातरम संस्था के संरक्षक और शादी को यह अनोखा रूप देने वाले इसके आयोजक अंसुमन सेंगर का कहना है कि भारत की संस्कृति मैं गौ माता का विशेष स्थान है.
पुरातन समय में ऋषि-मुनियों और ग्रहस्थों के यहां गौ माता शोभायमान होती थी. हमारी संस्कृति भी गौमाता से अलग नहीं है. मनुष्य के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक हर छोटे-बड़े कार्य में गौ माता का आशीर्वाद लिया जाता है लेकिन मौजूदा दौर में हम अपनी भारतीय संस्कृति को त्याग कर पाश्चात्य संगीत संस्कृति की ओर चल रहे हैं. शादी समारोह में फ़ूहड़ता और पैसे की बर्बादी के लिए आयोजन होते हैं. इसलिए इस आयोजन को बेहद सादगी के साथ संपन्न कराया गया था. इसलिए यह एक अनूठा विवाह है, जो हमारी पुरातन संस्कृति को रेखांकित करता है.
मुख्य द्वार पर गौ माता का पूजन हुआ. वेद मंत्रों और ब्राह्मणों द्वारा उसके उच्चारण के बीच अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया. मंच पर सभी साधु संत मौजूद थे. इस मौके पर बारातियों को उम्दा किस्म का सात्विक भोजन परोसा गया. इस तरह के विवाह आयोजन से हम गौ माता के संरक्षण और संवर्धन के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं. वही गौ माता की मौजूदगी में हुए इस वैवाहिक कार्यक्रम से उसका आशीर्वाद एवं संत महात्माओं की मौजूदगी ने माहौल को खुशगवार बना दिया था.
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