कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम परिषद बैठक में उस वक्त हंगामा हो गया जब विनियमित और आउटसोर्स कर्मचारियों ने परिषद भवन का घेराव कर पार्षदों को बंधक बना लिया। अपनी तीन सूत्रीय मांगों पर परिषद में चर्चा न करते हुए उसे स्थगित किये जाने से नाराज कर्मचारियों ने यह प्रदर्शन किया। 3 अक्टूबर को परिषद बैठक में मुद्दे पर चर्चा के आश्वासन के बाद प्रदर्शन खत्म हुआ।

दरअसल, नगर निगम के विनियमित और आउटसोर्स कर्मचारी लंबे समय से अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है। कर्मचारियों की मांग है कि विनियमित कर्मचारियों को छठवां सातवां वेतनमान लाभ दिया जाए। विनियमित को नियमित किया जाए। इसके साथ ही आउटसोर्स को निगम में मर्ज किया जाए।

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इन्हीं मांगों को लेकर MIC ने इस सभी मांगों को पास करते हुए परिषद में भेजा दिया था। शुक्रवार को परिषद बैठक में MIC के भेजे प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी, लेकिन 2 अक्टूबर को पीएम मोदी के प्रस्तावित दौरे को लेकर नगर निगम कमिश्नर परिषद बैठक में शामिल नहीं हो सके। जिसके चलते परिषद बेठक को 3 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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इस बात की जानकारी लगते ही नगर निगम के कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और परिषद भवन में सभी पार्षदों को बंधक बना लिया और परिषद भवन का घेराव कर अपनी मांगों को पूरा करने पर अड़ गए। लगभग 2 घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद नगर निगम के सभापति मनोज तोमर ने कर्मचारी नेताओं से चर्चा करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि 3 अक्टूबर को होने वाली परिषद बैठक में सबसे पहले कर्मचारियों के हित से जुड़े हुए मुद्दों पर चर्चा कर उन्हें लाभ प्रदान किया जाएगा। इस आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने अपना आंदोलन खत्म किया, तब कहीं जाकर पूरा मामला शांत हो सका।

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