कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच जल विवाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से मध्य प्रदेश का पक्ष रखने के लिए जल संसाधन विभाग के अफसर तैयारी में जुटे हुए है। वहीं केंद्र सरकार दोनों राज्यों के बीच समझौते को लेकर बातचीत का दौर शुरू कर चुकी है।
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मध्य प्रदेश की सहमति के बगैर राजस्थान में कालीसिंध नदी पर नवनेरा बैराज के निर्माण ने दोनों राज्यों में जल के बंटवारे को लेकर विवाद की स्थिति पैदा कर दी है। बैराज का निर्माण 50 प्रतिशत निर्भरता पर जल की उपलब्धता के आधार पर बन रहा है। इसी को लेकर मध्य प्रदेश ने आपत्ति जताई है। वहीं जब राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार की भी नहीं सुनी तो मध्य प्रदेश ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर दी है।
वहीं चंबल और उसकी सहायक नदियों के पानी बंटवारे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 15 सितंबर को सुनवाई होगी। बतादें कि चंबल और उसकी सहायक नदियों पार्वती कालीसिंध और कूनो नदी के पानी बंटवारे को लेकर यह विवाद चल रहा है। केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों के बीच समझौते को लेकर बीती 6 सितंबर को दिल्ली में दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच चर्चा करवाई। इस चर्चा में कोई हल नहीं निकल सका। अब सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
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