सदफ हामिद/कुमार इंदर/अनिल सक्सेना, भोपाल/जबलपुर/रायसेन। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कड़ाके की सर्दी का सितम जारी (Winter season continues in Madhya Pradesh) है। मध्यप्रदेश के कई हिस्सों के लोग हाड़ कंपकंपा देने वाली सर्दी से जूझ रहे हैं। प्रदेश के कई शहरों में सर्द हवाओं का सितम जारी है। इसके कारण कई शहरों का न्यूतम तापमान 5 डिग्री तक पहुंच गया है। राजधानी भोपाल, जबलपुर, इंदौर, पंचमढ़ी, ग्वालियर संभाग और रायसेन संभाग में ठंड रोज नए रिकॉर्ड बना रही है। इधर मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट (orange alert) जारी किया है। 

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राजधानी भोपाल में हाड़ कंपकपा देने वाली ठंड पड़ रही है। सोमवार को राजधानी भोपाल शिमला से भी अधिक ठंडा (Bhopal is colder than Shimla) रहा। भोपाल में सोमवार रात का तापमान 3.4 डिग्री पर पहुंच गया। वहीं इस दिन शिमला में पारा 6 डिग्री पर रहा। वहीं जम्मू और भोपाल के तापमान में भी मात्र .4 डिग्री का अंतर रहा। भोपाल में पिछले 3 दिन से पड़ रही कड़ाके की ठंड ने नया रिकॉर्ड बनाया है। 94 साल में दिसंबर में लगातार दो दिन रात के तापमान और कोल्ड डे का नया रिकॉर्ड बना है।

जबलपुर में न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस पहुंचा

कश्मीर में हो रही बर्फ़बारी का असर महाकौशल में भी हो रहा है। उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओ से ठंड ने जोर पकड़ लिया है। आलम ये है कि अचानक मौसम के करवट बदलने से जबलपुर में जहां, रात और सुबह के अलावा दिन में लोगों को कंपकंपी छूट रही है। पिछले 2 दिनों से मौसम में अचानक आए बदलाव के कारण सुबह और रात के समय कंपकंपाने वाली ठंड ने लोगों को परेशान कर दिया है। हिमालय से आने वाली ठंडी हवाओं के असर से इलाके का न्यनूतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस पहुंच  गया है। जिससे सुबह और शाम के समय कडकडाती सर्दी पड़ रही है। नगर निगम ने मौसम को देखते हुए भी अलाव का कोई इंतजाम नहीं किया है। जिससे ठिठुरन पैदा करने वाली ठंड से बचाव किया जा सके। हालांकि ठंड के कहर को देखते हुए जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा (Jabalpur Collector Karmaveer Sharma) ने नगर निगम के साथ एसडीएम को निर्देश दिए है कि बस स्टैंड,रेलवे स्टेशन के अलावा चौक चौराहों पर अलाव का इंतजाम करने कहा है,वहीं सड़को पर रात गुजारने वाले बेसहारा लोगों को रेन बसेरा पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।

 

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रायसेन ठंड ने 80 साल का तोड़ा रिकॉर्ड 

उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी का असर अब मध्यप्रदेश के कई जिलों में भी देखने को मिल रहा है। प्रदेश के रायसेन जिले में भी पिछले दो तीन दिनों से सर्दी सितम ढहा रही है। पिछले तीन दिनो से पारे में लगातार गिरावट ने पिछले 80 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है। आलम यह कि ओस की बूंदे बर्फ बन जा रही है।

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रायसेन का न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री पहुंचा 

सोमवार रात रायसेन का न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री के दर्ज किया गया। वहीं दिन में भी तापमान सामान्य से काफी कम होने के कारण दिन भर लोगों को शीतलहर का सामना करना पड़ रहा है। अचानक सर्दी बढ़ने के कारण कई खेतों में पाला पड़ने से फसलों को भी नुकसान होने की आशंका बन गई है। चने और मसूर की फसलों पर कई जगह पाले के कारण सूखने लगी है। जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है। हालांकि कृषि विभाग ने पाले की स्थिति में खेतो में पानी देने और शाम के समय खेत के आसपास धुंआ करने की सलाह किसानो को दी है।

बीते कुछ दिनों से रायसेन में सर्दी का सितम लगातार जारी है। यहा पड़ रही भारी ठंड का असर अब खेत में लगी फसलों पर भी दिखने लगा है। नगर के आसपास सब्जियों के खेतों सहित मसूर ओर तुअर की खेती पर पाला तुषार का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा हैं। सब्जियों पर ओस की बूंदे जम जाने के कारण वह तुषार के असर से सूखने लगी हैं।

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