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चंकी बाजपेयी, इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में गणेश चतुर्थी की धूम मची हुई है। पालदा के राजा के नाम से पिछले 36 सालों से यहां आयोजन होते आ रहा है। यहां प्रदेश का सबसे बड़ा गणपति पंडाल बना हुआ है। वहीं मुंबई से गणेश जी की मूर्ति लाकर मुंबई में ही भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है।
इंदौर के पालदा क्षेत्र में गणेश चतुर्थी का आयोजन लगातार इस साल भी किया जा रहा है। इस आयोजन को क्षेत्र के रहवासी मनोज वर्मा पिछले 36 सालों से लगातार करते आ रहे हैं। इस बार पलटा के राजा का आयोजन बड़ा और काफी भव्य रूप में हो रहा है।
मध्य प्रदेश में बने गणपति पंडालून में सबसे बड़ा इंदौर के पालदा के राजा का पंडाल बनाया गया है। यह पंडाल मुंबई में विराजित लाल बाग के राजा से भी बड़ा है। वहीं इंदौर में पालदा के राजा की 21 फीट ऊंची मूर्ति मुंबई से लाई गई है।
वहीं मुंबई से इंदौर मूर्ति लाने में भी आयोजकों को भारी बारिश के चलते कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उन परेशानियों को भी चुनौती मानते हुए मूर्ति को इंदौर लाया गया और आज सुबह 11बजे पालदा के राजा की मूर्ति विराजित की गई। पालदा के राजा के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में इंदौर और आसपास के लोग दर्शन करने पहुंचते हैं।
वहीं शाम के वक्त आरती में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इसके साथ ही 10 दिन बाद गणपति विसर्जन भी विधि विधान से इंदौर से मूर्ति को मुंबई ले जाकर समुद्र में किया जाता है।
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