कुमार इंदर, जबलपुर। एक तरफ देखा जाए तो पूरे देश में बारिश ने कहर बरपा रखा है। वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले में विशेष संरक्षित बैगा जनजाति के लोग भरी बारिश में बरसाती नाले का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी जल जीवन मिशन योजना कहने को तो बेहद अच्छी है। लेकिन जिनके ऊपर घर-घर पानी देने की जिम्मेदारी थी, उनकी लापरवाही से लोग आज भी सुविधाओं से महरूम हैं। लिहाजा  बैगा आदिवासियों को दूषित पानी पी कर गुजारा करना पड़ रहा है। 

मामला मेंहदवानी विकासखंड मुख्यालय से करीब 5 किमी दूर खाल्हे डुलहरी गांव का है। जहां पर करीब 400 से ज्यादा बैगा जनजाति के लोग निवास करते हैं। इस गांव में भारी बारिश के बीच पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में PHE विभाग द्वारा जल जीवन मिशन योजना के तहत लाखों रूपये खर्च हो गए। गांव में बनी पानी की टंकी जिसमें स्वीकृत राशि 119.31 लाख है। गांव में पाइप लाइन भी बिछा दिया गया मगर आज भी ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हुआ।

एक बरसाती नाला जहां खेतों से पानी आता है। उस पानी को एक पत्ते के सहारे ग्रामीण भरते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के दिन यह बरसाती नाला ही उनकी प्यास बुझाता है। जबकि गांव में दो तीन हैंडपंप हैं लेकन वो बंद पड़े हैं। यहां रहने वाले बैगा जनजाति के ग्रामीणों का कहना है कि कई बार मामले की जानकारी जिम्मेदारों को दी गई, मगर किसी ने उनकी सुध नहीं ली। 

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते किस कदर केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना में पालीता लगाया जा रहा है। और ग्रामीण नाले का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। वहीं इस मामले में जब जिले के कार्यपालन यंत्री से बात की तो उन्होंने कहा कि गांव में पानी का सोर्स नहीं है। इसके लिए सर्वे करवाया जा रहा है। जल्द ही ग्रामीणों को पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। अब देखने वाली बात होगी की ग्रामीणों को कब शुद्ध पानी मिलेगा और कब तक सरकार की योजना का लाभ मिल पाता है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H