कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश के हाईकोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है। इस मामले में सेशन कोर्ट ने कूटरचना कर ज्वाइनिंग लेटर देने वाले आरोपी को 110 साल की सजा सुनाई है। आरोपी ने हाईकोर्ट में नौकरी के नाम पर करीब 15 लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया था।
क्या है मामला
मामला जबलपुर का है, जहां एक शख्स ने हाईकोर्ट में नौकरी दिलवाने के नाम पर 15 लोगों के साथ फर्जीवाड़ा किया। आरोपी ने लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उनसे अच्छी मोटी रकम ली थी। जिसके बाद बिलहरी निवासी आरोपी पुरषोत्तम पासी पर कोर्ट ने सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज़ किया था। वहीं कोर्ट ने अब अलग अलग मामले में 110 साल की सजा सुनाई है।
मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी ने हाईकोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर 100 व्यक्तियों से 5 हजार से लेकर 30 हजार तक रुपए लिए थे। आरोपी ने यह काम अपनी एक महिला सहयोगी के साथ मिलकर किया। उसने फर्जी नियुक्ति पत्र को तैयार कर पीड़ित व्यक्तियों को दिए थे। नियुक्ति पत्र लेकर जब पीड़ित व्यक्ति हाईकोर्ट पहुंचा तो सारी सच्चाई सामने आई। जिसके बाद 18 दिसंबर 2013 को इस संबंध में पीड़ितों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420, 471, 467, 468 तथा 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
पहली सजा पांच वर्ष की है, जो 15 गुणित होकर 75 वर्ष होगी, जबकि दो धाराओं में 15-15 वर्ष व एक अन्य धारा में पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। इस तरह 75 वर्ष की सजा में 35 वर्ष की सजा के इजाफे के साथ कुल सजा 110 वर्ष निर्धारित हो गई। इस तरह आदेश के अनुसार अपराधी मृत्युपर्यंत जेल की सलाखों के पीछे रहेगा।
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