निलेश भानपुरिया, झाबुआ। मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में इन दिनों आदिवासी बच्चे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करते नजर आ रहे हैं। दरअसल, शिवगंगा अभियान के तहत जिले के बच्चे इन दिनो बांस से दीपावली के दीपक से लेकर लैंम्प और अन्य चीजें बनाकर आत्मनिर्भर भारत की मिसाल पेश कर रहे हैं। झाबुआ में आत्मनिर्भर भारत की इतनी खूबसूरत तस्वीर इसके पहले देखने को नहीं मिली है।
जिले में लंबे समय से शिवगंगा में प्रशिक्षण ले रहे छात्र पंकज खराड़ी पढ़ाई के साथ-साथ बांस से दीपक, स्पीकर और लैम्प बना रहे है। वहीं बच्चों ने कहा कि गांव के लोग मजदूरी के लिए पलायन ना करें, गांव में ही रहकर कामकाज करे, ताकि आत्मनिर्भर बना जा सके।
इधर शिवगंगा के ट्रेनर शंकर जमरा ने बताया कि बहुत पहले यहां पर बांस से तीन चीजों को बनाने का प्रशिक्षण लेकर आए थे। बता दें कि शंकर जमरा पिछले कई वर्षों से बच्चों को यह काम सिखा रहे हैं। वहीं शिवगंगा के ही ऋषभ सेठ भी इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। इन सभी सामग्रियों को आकर्षक पैकिंग के साथ विक्रय किया जा रहा है।
शिवगंगा कार्यकर्ता राजाराम कटारा ने बताया कि छात्रों को हुनर देने और मजदूरी की मजबूरी को दूर करने के लिए मेघनगर आश्रम में इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। युवा छात्र अपने हाथों से कई तरह की चीजें बनाते है। इसके बाद इसे भारत के कई राज्यों में ऑनलाइन बेचा जाता है। उन्होंने बताया कि लोग इससे जुड़कर अपने गांव में रोजगार बढ़ाने का सपना देख रहे है। यह प्रशिक्षण लगातार जारी रहेगा।
बता दें कि झाबुआ में शिवगंगा नाम की एक सामाजिक संस्था है, जो बीते कुछ दशकों से समग्र ग्राम विकास को लेकर काम कर रही है। शिवगंगा संस्था हस्तशिल्प के निर्माण के साथ-साथ बांस के दीये बनाने का भी काम कर रही है। संस्था से जुड़े युवा न केवल देश में ही बल्कि विदेशों में अपने हुनर के दम पर रोशनी फैला रहे हैं।
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