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इंद्रपाल सिंह/कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। देश भर में आज यानी 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2023), गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2023) मनाई जा रही है। इसी के चलते ग्वालियर में भगवान कार्तिकेय के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ सुबह से ही उमड़ रही है। वहीं नर्मदापुरम में बड़े ही उत्साह और आस्था के साथ इस पर्व को मनाया जा रहा है। साथ ही आज के दिन यहां मेला भी लगता है।
ग्वालियर में ऐसे मनाई जा रही कार्तिक पूर्णिमा
शहर में आज 24 घंटे के लिए भगवान कार्तिकेय मन्दिर के पट खुले रहेंगे। यहां अभिषेक और श्रंगार के बाद सुबह 4 बजे से ही भक्तों के दर्शन शुरू हो गए हैं। ये मंदिर 450 साल पुराना 6 मुखी प्रतिमा वाला देश का इकलौता मन्दिर है। जहां रात 12 बजे पट खुलने के बाद से ही भक्तों की लंबी लंबी कतारें लग रही है।
साल में एक बार होती है पूजा
भक्तों ने बताया कि साल में एक बार ही कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान कार्तिकेय की पूजा होती है। जीवाजीगंज क्षेत्र में मौजूद मंदिर पर आज विशेष कार्यक्रम होते हैं। वहीं भगवान भोलेनाथ के बड़े पुत्र कार्तिकेय को देवों का सेनापति भी कहा जाता है। आज के दिन भगवान कार्तिकेय के दर्शन करने से घर में खुशहाली सुख-शांति साल भर बनी रहती है।
नर्मदापुरम में लगेगा मेला
आज कार्तिक पूर्णिमा पर नर्मदा की नगरी नर्मदापुरम में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बड़े ही उत्साह और आस्था के साथ मनाया जाता है। क्योंकि कार्तिक पूर्णिमा पर नर्मदा और तवा के संगम बांद्राभान में क्षेत्रीय संस्कृति के पर्व बांद्राभान मेले का आयोजन होता है। वहीं बीती रात से रिमझिम बारिश का सिलसिला जारी होने के बाद भी अल सुबह से ही नर्मदा घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की खासी भीड़ है।
खासकर बांद्राभान मे सूर्योदय से अभी तक करीब 50 हजार श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा घाटों और मेला परिसर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर इंतजाम किए गए है। पौराणिक मान्यता। अनुसार एक राजा के वानर मुख के श्राप का निदान कार्तिक पूर्णिमा पर संगम स्नान करने से हुआ था। इसीलिए यहां कार्तिक पूर्णिमा पर जिले एवं आसपास के लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचते हैं। इसके साथ ही बैतूल एवं छिंदवाड़ा के लोगों की देव पूजा इसी मेले में होती है, इसीलिए तीन दिन तक चलने वाले मेले में आदिवासी परिवार अपने देवताओं की पूजन के लिए यहां आते हैं।
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