शुभम जायसवाल, राजगढ़। MP Minister Gautam Tetwal: मध्य प्रदेश के एक मंत्री की ‘टाइम मशीन’ वाली एंट्री ने सियासी हलके में हलचल मचा दी है। मंत्री ने भरे मंच से कह दिया कि वह साल 1923 में विधायक और मंत्री बन गए थे। उनके इस स्पीच के वीडियो का एक अंश सोशल मीडिया पर वायरल होते ही योग्यता पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं कांग्रेस ने भी इस पर चुटकी लेते हुए उन्हें इतिहास से पहले ही मंत्री बनने वाला शख्स बताया दिया। 

3 दिसंबर 1923 को बने विधायक, 25 दिसंबर 1923 को बने मंत्री!

जिस नेता का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वह कौशल विकास मंत्री गौतम टेटवाल हैं। दरअसल, गौतम टेटवाल सारंगपुर में भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘3 दिसंबर 1923 को मुझे विधायक बनाया गया। 25 दिसंबर 1923 को आप सबकी कृपा से मुख्यमंत्री ने मुझे मंत्री पद की शपथ दिलाई। मैं साफ कहना चाहता हूं कि ये पदवी सेवा का कार्य मुझे मिला है। हमने मुस्लिम क्षेत्र में भी साफ पानी देने का काम किया है।’ हैरानी की बात यह है कि उन्होंने यह बयान कागज़ पर पढ़कर दिया। 

मत पेटी खुलने पर हुई पीड़ा को किया बयां

इस दौरान मंत्री ने चुनाव के दौरान मत पति खुलने के दौरान हुई पीड़ा को भी बयान किया। उन्होंने कहा, एक बात का बहुत दर्द है, वो दर्द मैं सहन नहीं कर पाता हूं। जब वोटों की गिनती हो रही थी, तब सारंगपुर से जो वोट निकल रहे थे। तब मुझे दर्द हो रहा था। मैं पिंडारवारी में खड़ा हूं, मेरे बड़े भाईजान यहां बैठे हैं। तुम भी पिंडारे हो और मैं भी पिंडारा हूं। अपने वंशज की पेटी खुली जब, जब हमें बराबरी का हक़ मिलता है तो बराबरी का हक देना भी सीखें।’

कांग्रेस ने कसा तंज

 मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस पर तंज कसा है। एमपी कांग्रेस के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से वीडियो पोस्ट कर लिखा, ‘एमपी अजब है, मोहन सरकार के मंत्री गजब है। उज्जैन के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल आजादी से पहले ही चुनाव जीतकर मंत्री बन गए! कागज देखकर भी मंत्री सही नहीं पढ़ पा रहे हैं। दाजा लगाया जा सकता है कि अभ्युदय के नाम पर प्रदेश की क्या अधोगति की जा रही है।’

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