मनोज उपाध्याय, मुरैना/पोरसा। ग्रामीण इलाकों में मुक्तिधामों की दुर्दशा के चलते लोगों को स्वजन का अंतिम संस्कार करने में परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है। यहां पूरे कब्रिस्तान में बरसात का पानी इस कदर भरा हुआ है, कि यह एक तालाब की तरह नजर आने लगा है। वहीं यहां एक युवक के इंतकाल के बाद उसे कब्रिस्तान में दफनाने के लिए दो गज की जमीन भी मुहैया नहीं हो सकी।

वहीं कब्रिस्तान में भरे पानी को निकालने के लिए मृतक युवक के स्वजन व अन्य ग्रामीणों ने इंजन लगाकर पानी निकाला। वहीं ग्रामीणों के बीच खासा आक्रोश भी देखा गया। बतादें कि धर्मगढ़ गांव निवासी इस्लाम खान के बेटे का सुबह लंबी बीमारी के बाद इंतकाल हो गया। जिसे दफनाने के लिए ग्रामीणों ने गांव के कब्रिस्तान की ओर रूख किया। कब्रिस्तान की स्थिति यह थी कि यह पूरी तरह से तालाब में तब्दील हो गया था।

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कब्रिस्तान में पानी बेहद ज्यादा भरा हुआ था। जिसके बाद ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि यहां पानी को पहले इंजन से बाहर निकाला जाएगा, जिसके बाद ही दफनाया जाएगा। ग्रामीणों ने एक इंजन और लेजम यहां लगाई और पानी को कब्रिस्तान से खाली कर लेजम के सहारे दूसरी खुली जगह में पहुंचाने का काम किया।

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कई बार लगा चुके प्रशासन से गुहार
कब्रिस्तान के लिए 15 बिस्वा जमीन रखी गई है, जहां जमीन के अलावा अन्य कोई व्यवस्था नहीं की गई। गड्ढानुमा जगह होने की वजह से बरसात का पानी इसमें आकर जमा हो जाता है। जिसकी वजह से इसका इस्तमाल ग्रामीण नहीं कर पाते। इस समस्या को लेकर ग्रामीण हर स्तर पर अपनी मांग उठा चुके है। जिसमें तहसीलदार, विधायक, केंद्रीय मंत्री, कलेक्टर तक को आवेदन दे चुके है। जिसमें कब्रिस्तान की बाउंड्री का निर्माण करने की मांग की गई है। इसके बावजूद आज तक यहां कोई काम नहीं हो सका है। जिसका परिणाम यह हुआ है कि अब यहां दफनाने के लिए जगह तक नहीं मिल सकी है।

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