भोपाल। मध्यप्रदेश का सियासी संग्राम देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह से चल रहा है. दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के मामले की सुनवाई स्पीकर के वकील की मांग पर गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी.

इसके पहले भाजपा नेताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पैरवी करते हुए तत्काल फ्लोर टेस्ट करने की मांग की. वहीं स्पीकर एनपी प्रजापति की ओर से पैरवी करते हुए उनके अधिवक्ता सिंघवी ने बेंगलुरु में रह रहे बागी विधायकों की ध्यान में लाई. वहीं बागी विधायकों के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि हमारी (विधायकों) की सुरक्षा का सवाल है. हम भोपाल नहीं जाना चाहते हैं. वहीं दूसरी ओर बेंगलुरु के होटल में रह रहे कांग्रेस के बागी विधायकों ने अलग-अलग वीडियो जारी कर अपने बंधक बनाए जाने की दलील को खारिज करते हुए स्वयं की मर्जी से विधायकी से इस्तीफा देने की बात कही.

तमाम पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बैंच ने कहा कि इस्तीफों पर स्पीकर को जल्द फैसला लेने चाहिए. साथ ही सवाल किया कि क्या अगर कल एमएलए स्पीकर से मिले तो क्या वे फैसला लेंगे. तर्कों के बीच स्पीकर के वकील सिंघनी ने पक्ष रखने के लिए वक्त मांगा, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए गुरुवार तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी.