अनिल सक्सेना, रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में 8 वर्षीय अबोध बच्ची से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश केएस शाक्य ने 25 वर्षीय आरोपी संतोष को जीवन के अंतिम क्षण तक जेल में बंद रहने का सजा दिया है.
अपर लोक अभियोजक बद्री विशाल गुप्ता ने बताया कि मामला सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के ग्राम मोदकपुर का है, जहां 26 जून 2020 की रात करीब 10 बजे एक विवाह समारोह से 8 वर्षीय अबोध बालिका अकेले अपने घर वापस आ रही थी. इसी दौरान उसे अकेला देख आरोपी संतोष आदिवासी पकड़कर एकांत में ले गया और दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देकर उसे भगा दिया.
बच्ची ने घटना की जानकारी माता-पिता को दी. जिसके बाद परिजनों ने सुल्तानगंज थाने में मामले की शिकायत कर एफआईआर दर्ज करवाया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था, तभी से वह जेल में बंद था. कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होती रही.
अपर सत्र न्यायाधीश के एस शाक्य ने संतोष आदिवासी को अबोध नाबालिग के साथ दुष्कर्म के अपराध में दोषी पाया. धारा 376 एबी एवं पास्को एक्ट की धारा 5 ( एम) में अभियोजन साक्ष्य, चिकित्सीय साक्ष्य और अन्य साक्ष्यों के आधार पर अपराध सिद्ध पाए जाने पर दोषी पाते हुए जीवन के अंतिम क्षण तक (प्राकृतिक मृत्यु तक) के आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 5 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है.
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