राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मेडिकल पॉलिसी के तहत मध्यप्रदेश को आयुर्वेद हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। अगले 18 महीनों में प्रदेश में 8 नए आयुर्वेद कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, जो आयुर्वेद चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। इन कॉलेजों की स्थापना सागर, शहडोल, नर्मदापुरम, बालाघाट, मुरैना, झाबुआ और शुजालपुर में होगी। इसके अलावा, डिंडौरी में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से एक आयुर्वेद कॉलेज बनाया जाएगा। 

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प्रत्येक कॉलेज के निर्माण पर लगभग 70 करोड़ रुपये की लागत

प्रत्येक कॉलेज के निर्माण पर लगभग 70 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिससे आधुनिक सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रावधान सुनिश्चित होगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत मध्यप्रदेश को 180 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया है, जो मार्च 2026 तक के लिए स्वीकृत किया गया है। इस अनुदान से आयुर्वेद कॉलेजों के साथ-साथ आयुष चिकित्सा सेवाओं का विस्तार होगा। इन कॉलेजों के लिए 1570 नए पदों पर भर्ती भी की जाएगी, जिससे आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। 

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मध्यप्रदेश देश में आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी बन सकेगा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह पहल न केवल प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देगी, बल्कि मेडिकल टूरिज्म को भी प्रोत्साहित करेगी। इससे मध्यप्रदेश देश में आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी बन सकेगा। यह कदम मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य सेवाओं और आयुर्वेद शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

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