ब्रिटेन में रह रहे मदरसा शिक्षक शमशुल हुसैन की वेतन वृद्धि मामले में 3 DMO फंस गए हैं. जिसमें बरेली डीएमओ लालमन, अमेठी डीएमओ प्रभात कुमार, गाजियाबाद डीएमओ साहित्य निकत सिंह जांच के दायरे में आ गए हैं. तीनों अधिकारी अलग-अलग समय पर आजमगढ़ में तैनात थे. ATS की जांच में मामला खुलने पर अब इन तीनों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है. नियम विरुद्ध वेतन, चिकित्सा, अन्य भुगतान देने पर इनके खिलाफ अब सख्त कार्रवाई होगी.

बताया जा रहा है कि ब्रिटेन में रह रहे आजमगढ़ के मदरसा शिक्षक यूपी से वेतन और अन्य भुगतान ले रहा है. अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय ने शासन को इस संबंध में रिपार्ट भेजी है. 12 जुलाई 1984 को मुबारकपुर में इसकी तैनाती हुई थी. 2007 से शमशुल हुसैन ब्रिटेन में रह रहा है. 2013 में इसने ब्रिटिश नागरिकता हासिल की थी. 2007-17 के बीच बिना जांच के इसकी वेतन वृद्धि होती रही. 2017 को सेवानिवृत्ति प्रदान करके इसकी पेंशन भी स्वीकृत कर दी गई.

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अब ये पूरा झोल सामने आ गया है. इस संबंध में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय ने कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी है. अब शिक्षक और तीनों डीएमओ के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है. लेकिन सवाल ये है कि इतने लंबे समय तक सिस्टम को चकमा देकर और बिना जांच के दायरे में आए आखिर ये फर्जीवाड़ा चल कैसे रहा था. ये घटना सिस्टम की चौकसी पर सवाल है. उसकी कार्यशैली पर सवाल है.