Madvi Hidma killed : आशुतोष तिवारी, बस्तर/आंध्र प्रदेश। छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश सीमा के अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) जिले के मारेदुमिल्ली इलाके में स्पेशल ग्रेहाउंड फोर्स के साथ हुई बड़ी मुठभेड़ में सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सल संगठन को करारा झटका दिया है। अब तक 6 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें नक्सलियों की मिलिट्री विंग PLGA बटालियन नंबर-1 का प्रमुख और केंद्रीय समिति सदस्य माडवी हिडमा (Madvi Hidma killed) और उसकी पत्नी भी शामिल है। इस मुठभेड़ से ठीक 7 दिन पहले गृह मंत्री विजय शर्मा ने हिडमा के गांव पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने उसकी मां से मुलाकात कर उन्हें बेटे को मुख्यधारा में लौटने की सलाह देने को कहा था।

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7 दिन पहले गृह मंत्री विजय शर्मा ने की थी हिडमा की मां से मुलाकात

जानकारी के अनुसार, 10 नवंबर को सुकमा जिले के पूवर्ती गांव में गृह मंत्री विजय शर्मा ने हिडमा की मां से मुलाकात की थी। उन्होंने हिडमा को समर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की सलाह देने की बात कही थी और सिर्फ 7 दिन बाद ही आज मुठभेड़ में उसके मारे जाने की खबर सामने आई है।

मंगलवार को आंध्र प्रदेश की स्पेशल ग्रेहाउंड फोर्स द्वारा चलाए गए ऑपरेशन में मारे गए 6 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। इनमें हिडमा की पत्नी और डिविजनल कमेटी मेंबर राजे (राजक्का), सब जोनल कमेटी मेंबर (SZCM) चेल्लुरी नारायण उर्फ सुरेश और टेक शंकर शामिल हैं। बाकी दो अन्य नक्सलियों की पहचान की जा रही है।

जानिए कौन था हिडमा

43 वर्षीय माडवी हिडमा का असली नाम संतोष था, नक्सल संगठन CPI (माओवादी) का सबसे कुख्यात और घातक कमांडर माना जाता था। वह कम से कम 26 बड़े और जानलेवा नक्सली हमलों के लिए ज़िम्मेदार था, जिनमें 2013 का दरभा घाटी नरसंहार और 2017 का सुकमा हमला शामिल है। 1981 में सुकमा जिले के पूवर्ति गांव में जन्मा हिड़मा माओवादियों की सबसे खतरनाक लड़ाकू इकाई पीएलजीए बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था।

संगठन ने उसे CPI (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा सदस्य बनाया था, और वह बस्तर क्षेत्र से इस उच्च नेतृत्व में जगह बनाने वाला एकमात्र आदिवासी था। उसकी क्रूर रणनीतियों और हमलों को अंजाम देने की क्षमता के कारण उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। हिडमा को हाल ही में केंद्रीय समिति (CC) का सदस्य भी बनाया गया था। वह 200–250 हथियारबंद नक्सलियों के साथ बड़े सुरक्षा घेरे में चलता था। वह सालों से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में था और नक्सल नेटवर्क का सबसे खतरनाक चेहरा माना जाता था।

इन हमलों में था शामिल

हिडमा कई बड़े और घातक नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। वह 2010 के दंतेवाड़ा हमले में शामिल था, जिसमें 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा वह 2013 के झीरम घाटी नरसंहार का भी मुख्य आरोपी था, जिसमें शीर्ष कांग्रेसी नेताओं समेत 27 लोगों की मौत हुई थी। हिडमा 2021 की सुकमा–बीजापुर मुठभेड़ का भी जिम्मेदार था, जिसमें 22 सुरक्षा कर्मी शहीद हुए थे।