प्रयागराज: उमेश पाल अपहरण कांड में MP/MLA कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद समेत अन्य 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने अतीक अहमद समेत तीन अन्य आरोपियों को उम्रकैद की की सुनाई है. कोर्ट ने पांच हजार का अलग-अलग धाराओं में जुर्माना भी लगाया है. साथ ही एक-एक लाख की क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है.

17 साल बाद अपहरण कांड में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अतीक-अशरफ समेत 10 आरोपियों में से 7 को दोषमुक्त कर दिया है. जबकि अतीक, दिनेश पासी खान और शौकत अनीफ को दोषी ठहराया है. जिसमें कोर्ट ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. वहीं अतीक का भाई अशरफ दोषमुक्त किया गया. फैसला सुनकर अतीक और अशरफ एक- दूसरे के गले मिलकर फूट-फूटकर रोने लगे.

बता दें कि सोमवार को अतीक को साबरमती जेल से, जबकि अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था. अतीक, अशरफ और फरहान को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से अलग-अलग प्रिजन वैन के जरिए कोर्ट ले जाया गया. अतीक के कोर्ट परिसर पहुंचते ही पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया.

कुछ वकील जूतों की माला लेकर कोर्ट परिसर पहुंच गए. उमेश पाल की हत्या से नाराज वकील ये माला अतीक को पहनाना चाहते थे. हालांकि कोर्ट के गेट से पहले ही सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक लिया. इसके बाद वापस भेज दिया.

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आपको बता दें कि 25 जनवरी, 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल मामले में चश्मदीद गवाह थे. माफिया अतीक ने उनसे केस से हटने के लिए बोला था. उमेश पाल उसकी बात नहीं मान रहे थे. इसके बाद 2006 में 28 फरवरी को उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया. उसे माफिया के मुताबिक गवाही देने के लिए बोला गया. अतीक की बात न मानने पर उसे कई तरह की यातनाएं भी दी गईं.

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गौरतलब है कि कि उमेश पाल ने वर्ष 2006 में हुए अपने अपहरण मामले में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की. लेकिन, तत्कालीन सपा सरकार में अतीक अहमद के रसूख के आगे मामला दर्ज नहीं हो सका. उमेश पाल ने मायावती सरकार बनने के बाद 5 जुलाई 2007 को धूमनगंज थाने में तत्कालीन सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, दिनेश पासी, खान सौकत हनीफ, अंसार बाबा के खिलाफ अपहरण कर विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में अपने पक्ष में बयान करने का आरोप लगाया था. इस मामले में धूमनगंज पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 364, 323, 341, 342, 504, 506, 34, 120बी और सेवन सीएल अमेंडमेंट एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की.

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