वाराणसी. माफिया मुख्तार अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 2 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया गया है. 36 साल पुराने फर्जी गन लाइसेंस मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 1997 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

बता दें कि मंगलवार को कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया था. मुख्तार अंसारी के अपील की तरफ से राहत की अपील की गई थी, लेकिन कोर्ट ने किसी भी तरह की राहत नहीं देते हुए मैक्सिमम पनिशमेंट दी है. मुख्‍तार अंसारी को 36 साल पुराने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

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बता दें कि जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित कर दी गई. मुकदमे की सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो जाने के कारण उनके विरुद्ध वाद 18 अगस्त 2021 को समाप्त कर दिया गया.

इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन, पूर्व डीजीपी देवराज नागर समेत दस गवाहों का बयान दर्ज किया गया. कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह व सीबीसीआईडी की ओर से ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी उदयराज शुक्ला ने पैरवी की.

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