Maggi Noodles Sales Case: राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने नेस्ले इंडिया लिमिटेड के पक्ष में मैगी नूडल्स की बिक्री के खिलाफ सरकार की 2015 की याचिका खारिज कर दी है. एफएमसीजी कंपनी नेस्ले ने 4 अप्रैल को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी है. इस मामले में सरकार ने नेस्ले से 284.55 करोड़ रुपये का मुआवजा और 355.41 करोड़ रुपये का हर्जाना भी मांगा था.

नेस्ले ने कहा, ‘भारत सरकार, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 2015 में एनसीडीआरसी के समक्ष एक शिकायत दर्ज की थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने खतरनाक-दोषपूर्ण सामान और मैगी नूडल्स का निर्माण और बिक्री की थी. ऐसा करके कंपनी अनुचित व्यापार प्रथाओं में शामिल थी. इसी वजह से सरकार ने नेस्ले से मुआवजे और हर्जाने की मांग की थी. सरकार की इस मांग को अब एनसीडीआरसी ने 2 अप्रैल 2024 को खारिज कर दिया. जिसकी कॉपी कंपनी को 3 अप्रैल को मिली.

2015 में मैगी पर छह महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था

जून 2015 में तय सीमा से अधिक रसायन होने के आरोप के बाद मैगी पर पूरे देश में छह महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके बाद कंपनी को 38,000 टन मैगी नूडल्स को वापस मंगाकर नष्ट करना पड़ा. इसके बाद नवंबर 2015 में प्रतिबंध में ढील दी गई.

दिसंबर तिमाही में नेस्ले का शुद्ध मुनाफा 655.61 करोड़ रुपये रहा

31 दिसंबर को समाप्त तिमाही में नेस्ले इंडिया का शुद्ध लाभ 4.38% बढ़कर 655.61 करोड़ रुपये हो गया. दिसंबर तिमाही में इसका कुल खर्च 6.11% बढ़कर 3,636.94 करोड़ रुपये हो गया. पिछले वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में नेस्ले इंडिया की घरेलू बिक्री 8.86% बढ़कर 4,421.79 करोड़ रुपये हो गई, जो 4,061.85 करोड़ रुपये थी.

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