रत्नों का जादू: ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का बहुत महत्व है. यह एक ऐसी चीज़ है, जिसे बहुत शक्तिशाली माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र का दावा है कि रत्न अपने प्रभाव से बड़ी से बड़ी समस्या को भी दूर करने की क्षमता रखते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्नों में शक्तियां होती हैं. यदि रत्न सही समय पर और ग्रहों की सही स्थिति को ध्यान में रखते हुए पहने जाएं तो वे सकारात्मक प्रभाव देते हैं, अन्यथा रत्न विपरीत प्रभाव भी देते हैं.
रत्नों का जादू: रत्न धारण करने के नियम
रत्न विज्ञान के जानकारों के अनुसार 4, 9 और 14 तारीख को रत्न पहनने से बचना चाहिए. हालाँकि, यदि इन तिथियों में कोई शुभ संयोग बनता है, तो वह भी ज्योतिषी से परामर्श करके माना जा सकता है. इसके साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जिस दिन आप रत्न धारण करें उस दिन गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से चौथे, आठवें और बारहवें भाव में न हो. इसके अलावा अमावस्या, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण और संक्रांति के दिन भी रत्न पहनने से परहेज किया जाता है. रत्न को हमेशा दोपहर से पहले शुभ समय पर सूर्य की ओर मुख करके धारण करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी रत्न को धारण करने के लिए शुक्ल पक्ष सर्वोत्तम होता है. इतना ही नहीं, किसी भी रत्न को धारण करने से पहले उसे अभिमंत्रित कर लेना अच्छा होता है. यह रत्न शुभ प्रभाव देता है.
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