प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में इस बार एक विशेष आयोजन होने जा रहा है। आज 73 देशों के 116 राजदूत प्रयागराज के महाकुंभ मेले में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं। इन राजदूतों का भव्य स्वागत अरैल घाट पर किया जाएगा, जहां वे अपने-अपने देशों के ध्वज को फहराएंगे। इसके बाद, सभी 116 राजदूत संगम में डुबकी लगाएंगे और धार्मिक स्थल अक्षयवट, सरस्वती कूप और हनुमान मंदिर का भी दर्शन करेंगे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस दौरान मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही, वे अक्षयवट, सरस्वती कूप और हनुमान मंदिर का भी दर्शन करेंगे।

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भारत की धार्मिक धरोहर का विश्वभर में प्रचार

असके साथ ही महाकुंभ के आयोजन को सफल बनाने के लिए विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारी पूरी तरह से तैयार हैं। विशेष रूप से, बमरौली हवाई अड्डे पर विदेशी राजनयिकों के लिए वीआईपी लाउंज में नाश्ते की व्यवस्था की गई है, और साथ ही टूर गाइड की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, गृह मंत्रालय ने 140 कर्मचारियों के लिए नावों का विशेष इंतजाम किया है ताकि वे इस धार्मिक मेले का सही ढंग से संचालन कर सकें। महाकुंभ के इस ऐतिहासिक आयोजन से न केवल भारत की धार्मिक धरोहर का विश्वभर में प्रचार होगा, बल्कि विदेशों से आए राजदूत भी भारत की सांस्कृतिक विविधता और आध्यात्मिकता का अनुभव करेंगे।

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महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला

बता दें कि, महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक हो रहा है, और यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। इस महाकुंभ में कुल छह शाही स्नान होंगे। इस बार अमेरिका, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, रूस, स्विट्जरलैंड, जापान, न्यूजीलैंड, जर्मनी, नेपाल, कनाडा समेत 73 देशों के राजदूत इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनेंगे। 2019 के कुंभ मेले में भी 73 देशों के राजदूतों को आमंत्रित किया गया था। इस महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है। महाकुंभ के माध्यम से भारत अपनी समृद्ध संस्कृति, योग, ध्यान और आध्यात्मिकता को विश्वभर में प्रदर्शित करेगा।