प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में हाथी-घोड़े और बाजे-गाजे के साथ भव्य तरीके से तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़े के संतों की पेशवाई निकली है। एक हजार से ज्यादा साधु-संत पेशवाई में शामिल हुए है। शोभा यात्रा में आनंद अखाड़े के नागा संन्यासी आकर्षण का केंद्र है। सड़क के दोनों ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। साधु-संतो पर जमकर पुष्प वर्षा की जा रही है। इस दौरान साधु-संत भक्तों को तरह-तरह के करतब दिखा रहे हैं।

आनंद अखाड़े की पेशवाई

बाघंबरी मठ के पास से तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़े के संतों की पेशवाई निकाली गई। ढोल-नगाड़ों के साथ साधु-संत महाकुंभ में प्रवेश करने जा रहे है। पेशवाई में सबसे आगे धर्मध्वजा चल रहा है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि रथ पर सवार होकर श्रद्धालुओं को आर्शीवाद दे रहे है। भगवान सूर्य नारायण श्री पंचायती आनंद अखाड़े के इष्टदेव हैं। इस अखाड़े को निरंजनी अखाड़े का छोटा भाई भी कहा जाता है।

नरमुंड पहनकर किया शिव तांडव

पेशवाई में कलाकारों ने नरमुंड पहनकर शिव तांडव किया तो लोग झूम उठे और जय घोष के नारे लगाने लगे। शोभा यात्रा में नागा सन्यासी हाथों में त्रिशूल और गदा लेकर चल रहे हैं। उनके लिए 15 घोड़े और 2 हाथी भी मंगाए गए है। इस दौरान हाथी, घोड़े और ऊंट पर सवार अखाड़े के नागा संत शरीर पर अस्त्र-शस्त्र लहराते दिखे। कई साधुओं के हाथ में सनातन धर्म का पताका भी था। इस पेशवाई में देश के कोने-कोने से साधु और संत आए है। अखाड़े के श्रीमहंत शंकरानंद सरस्वती ने कहा कि महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। भारत के प्रचीन संस्कृति और सनातन धर्म का प्रतीक है।

महाकुंभ 2025 में विभिन्न अखाड़ों के छावनी नगर प्रवेश की तिथि-

पौष शुक्ल द्वितीया (1 जनवरी 2025) – श्री शंभु पंचायती अटल अखाड़ा
पौष शुक्ल षष्ठी (5 जनवरी 2025) – श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा
पौष शुक्ल षष्ठी (5 जनवरी 2025) – श्री शंभु पंच निर्मोही अनी अखाड़ा
पौष शुक्ल सप्तमी (6 जनवरी 2025) – श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा
पौष शुक्ल एकादशी (10 जनवरी 2025) – श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन
पौष शुक्ल द्वादशी (11 जनवरी 2025) – श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल
पौष शुक्ल त्रयोदशी (12 जनवरी 2025) – श्री शंभु पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन