मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महाकुंभ की तैयारियों का निरीक्षण किया. उन्होंने विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा अर्चना की और मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इसके साथ ही, सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए वेबसाइट और मोबाइल एप की सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई है. जिससे लोगों को ठहरने, पार्किंग और घाटों तक पहुंचने में मदद मिलेगी.
महाकुंभ को लेकर साधु-संतों की मांग है कि पहचान के लिए आधार कार्ड जरूरी हो. उनका कहना है कि कुछ मुस्लिम संत बनकर घूम रहे हैं. संतों की सुरक्षा के लिए पहचान पत्र जरूरी हो. सीएम इन तैयारियों का जायजा लेने के बाद अधिकारियों और अखाड़ा परिषद के सदस्यों के साथ बैठक भी कर रहे हैं.
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दरअसल, अखाड़ा परिषद ने यह सुनिश्चित करने का फैसला लिया है कि मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की पहचान की जाए, जिसके लिए आधार कार्ड की जांच अनिवार्य होगी. इसके साथ ही, उन्होंने कुछ अन्य उपायों की भी घोषणा की है, जैसे कि मुस्लिम कारीगरों को महाकुंभ से दूर रखा जाएगा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी व्यक्ति मेले में मुखौटा लगाकर न आए. हालांकि इस पर मुस्लिम धर्म गुरुओं ने प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने धर्म के आधार पर भेदभाव को गलत ठहराया है और सद्भावना की आवश्यकता पर जोर दिया है. उनका मानना है कि भारत की विविधता और एकता में सभी धर्मों का योगदान है.
बता दें कि महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) में अब अखाड़े के साधु-संतों के लिए आईकार्ड (i Card) जारी करने की योजना है. देश भर के सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों के लिए आईकार्ड जारी होगा. नकली साधु-संतों से अपनी अलग पहचान करने के लिए अखाड़ों ने खुद ही यह अहम निर्णय लिया है. इन परिचय पत्रों में साधु-संतों का नाम- पता, मोबाइल नंबर और उनका अखाड़े में पद का ब्योरा होगा. इसे अखाड़े के उच्च पदाधिकारी जारी करेंगे.
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