प्रयागराज. संगमनगरी में 13 जनवरी से महाकुंभ का महापर्व शुरू हुआ है. जहां साधु-संत, कथावाचक, फिल्म स्टार और नेता के साथ देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी 4 दिनों के लिए महाकुंभ पहुंचे हैं. राकेश टिकैत ने गुटके का जिक्र करते हुए एक चिंता जाहिर की है.
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बता दें किसान नेता राकेश टिकैत ने गुटखा खाने वाले लोगों से परेशान हैं. उन्होंने कहा, लोगों को महाकुंभ में गुटके वाली बुराई को छोड़ देना चाहिए. इस दौरान उन्होंने व्यवस्थाओं को लेकर सीएम योगी की तारीफ भी की. साथ ही ये भी कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. इतना ही नहीं राकेश टिकैत ने ये भी बताया कि शनिवार को महाकुंभ क्षेत्र में किसानों की महापंचायत होगी. जहां कुछ फैसले लिए जाएंगे.
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महाकुंभ क्यों मनाया जाता है
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है.
जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.
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