विक्रम मिश्र, महाकुम्भ नगर. प्रयागराज में महाकुम्भ को लेकर त्रेता जैसा माहौल है. हर तरफ समुद्रमंथन जैसा माहौल भी बनाया गया है. रेलवे स्टेशन हो या बस स्टैंड, सभी जगह दीवारों पर उकेरी गई कलाकृतियां उस काल समय को जीवंत कर रही है. लेकिन इस बार के महाकुम्भ में एक खास बात और है कि पहले कुम्भ और महाकुम्भ में ठेकों पट्टों को लेकर गोलियां चलती थी. हर छोटे बड़े ठेकों में माफियाओं के प्रत्यक्ष या परोक्ष दखल होता था.
माफिया ब्रदर्स अतीक और अशरफ
इसके पहले के कुम्भ या महाकुम्भ में अतीक अहमद और उसके भाई की तूती बोलती थी. हर छोटे बड़े ठेकों पर इनका प्रत्यक्ष या परोक्ष दखल होता ही था. 2013 का कुम्भ तो याद ही होगा जिसमें दुकानों के आवंटन और कुम्भ नगरी में लंगर के लिए चावल की सप्लाई के लिए अशरफ ने एक बड़े व्यपारी पर गोलियां तक चला दी थी. जिसके बाद पुलिस ने मामले को रफादफा किया था. लेकिन ये पहला महाकुम्भ है जब कोई माफिया अपराधी इसमें दखल नहीं दे रहा है.
बता दें कि महाकुंभ 2025 के शुभारंभ में अब बस 4-5 दिन का समय रह गया है. सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं. देश के विभिन्न क्षेत्रों से साधु-संतों और बाबाओं के आने का सिलसिला शुरु हो गया है. श्री शंभु पंचायती अटल अखाड़ा और श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा ने मेले में प्रवेश कर लिया है. 13 जनवरी से भव्य तरीके से महाकुंभ मेले की शुरुआत होगी. महाकुंभ में इस बार करीब 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. ऐसे में सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
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