राजकुमार पाण्डेय, प्रयागराज. Mahakumbh 2025: महाकुंभ में देश भर के कोने-कोने से तमाम साधु संतों का आगमन हो चुका है मेला क्षेत्र में साधु संत धोनी रमते हुए नजर आने लगे हैं, लेकिन महाकुम्भनगर में तीन साल के बाल संन्यासी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. सरवन पुरी नाम के बाल संन्यासी ‘ओम नम: शिवाय’ का जप करते हुए लोगों को सहज ही आकर्षित कर रहे हैं.

बाल सन्यासी सरवन पुरी की उम्र महज 3 साल है. यह बाल सन्यासी जूना अखाड़े में महंत बाबा संतपुरी के शिविर में साधना कर रहे हैं. महंत संतपुरी अपने शिष्यों के साथ हरियाणा के फतेहाबाद से आए हुए हैं.

महंत संतपुरी के सानिध्य में ही बाल सन्यासी सरवन पुरी महाकुंभ में तपस्या कर रहे हैं. गुरु के आदेश पर बाल योगी ओम नमः शिवाय का जाप करते हैं तो वहीं दंडबैठक भी लगाते हैं.

शिविर के ही एक अन्य संत ने बाल सन्यासी के बारे में बताया कि फतेहाबाद के एक दंपति ने तय किया था कि वह अपनी पहली संतान को गुरु की सेवा में समर्पित करेंगे. उन्होंने बताया कि बच्चा जब चार महीने का था तभी उनके माता पिता ने उन्हें गुरु को भेंट कर दिया था. तब से वह संत के साथ हैं.

बाल सन्यासी के नाम को लेकर संत का कहना है कि उनका सरवन पुरी नाम भी गुरु ने रखा था. बाल सन्यासी की देखभाल गुरु और शिविर के अन्य संत भी करते हैं. हालांकि, माता-पिता हर 2-3 महीने में उनसे मिलने आते हैं और उनके कुशल-क्षेम की जानकारी लेते रहते हैं.