प्रयागराज. महाकुंभ में हर रोज देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. इसी क्रम में 73 देशों के राजनायिक संगमनगरी पहुंचेंगे और गंगा स्नान करेंगे. खास बात ये है कि रूस और यूक्रेन के राजदूत एक जगह इकट्ठा होंगे. जिसकी जानकारी मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने दी है.
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बता दें कि जापान, अमेरिका, रूस, यूक्रेन, जर्मनी, नीदरलैंड, कैमरून, कनाडा, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, पोलैंड और बोलीविया सहित कई देशों के राजनायिक महाकुंभ पहुंचकर गंगा स्नान करेंगे. लंबे समय से यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के बाद भी दोनों देश के राजदूत एक साथ गंगा जी में डुबकी लगाएंगे.
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45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. हर 12 साल बाद लगने वाले इस कुंभ में 144 साल बाद खास संयोग बन रहा है, क्योंकि अब तक 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं. इसी वजह से इसे महाकुंभ कहा जा रहा है और इसमें आने वाला श्रद्धालुओं की संख्या पहले के किसी भी कुंभ से ज्यादा है. ऐसे में कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए यूपी सरकार ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है और इस बार AI बेस्ड कैमरे की मदद से लोगों की गिनती की जा रही है.
महाकुंभ क्यों मनाया जाता है
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है.
जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.
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