प्रयागराज. मकर संक्रांति यानी आज से महाकुंभ 2025 का शाही स्नान शुरू हो गया है. इस बीच महाकुंभ मेला में कथा वाचक जया किशोरी भी पहुंची. जहां उन्होंने शाही स्नान किया. जिसके बाद जया किशोरी ने कहा, सभी को मकर संक्रांति की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. मुझे बहुत खुशी है कि मैं पहली बार कुंभ में स्नान के लिए आई हूं. मैं चाहूंगी कि देश का हर व्यक्ति महाकुंभ के दर्शन कर सके. हम अपनी संस्कृति, धर्म और संस्कार दुनिया को दिखा रहे हैं, जिससे युवा आकर्षित हों और उनका ध्यान भगवान और भक्ति से जुड़ सके.

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1.38 करोड़ लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

पंचायती निर्वाणी अखाड़े के संतों ने सुबह 6.15 बजे अमृत स्नान किया. श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती अखाड़ा आनन्द सुबह 7.05 बजे, श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा श्री पंचाग्नि अखाड़ा और श्रीपंचदशनाम आवाहन अखाड़ा सुबह 8 बजे अमृत स्नान किया. इस दौरारन हाथों में तलवार, त्रिशूल और डमरू लेकर हजारों नागा साधु जब स्नान के लिए निकले तो घाट पर मौजूद लाखों श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत किया और हर-हर महादेव के नारे लगाए. महाकुम्भ के प्रथम अमृत स्नान के पावन अवसर पर लाखों साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ पवित्र संगम में स्नान किया. आज सुबह 10 बजे तक संगम में 1.38 करोड़ लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. महाकुंभ के पहले ही दिन एक करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया. इसी क्रम में आज दूसरे दिन अखाड़ों के द्वारा अमृत स्नान किया जा रहा है.

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ये दुनिया का महान तीर्थ

इस मौके पर महामंडलेश्वर शिव स्वरूपा आनंद सरस्वती महाराज ने कहा, विश्व में महाकुंभ जैसा दूसरा कोई पर्व नहीं हैं. विश्व के लिए शांति के लिए सनातन धर्म बहुत जरूरी है. हमारा भारत महान है. हमारी संस्कृति हमारा देश हमारे सनातन धर्म का सबसे बड़ा तीर्थ प्रयागराज संगम पर आज जो मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है, ये दुनिया का महान तीर्थ है. प्रयागराज में त्रिवेणी संगम आस्था के महासागर का साक्षी बना. महाकुंभ में श्री पंचायती महानिर्वाणी, शंभू पंचायती अटल, निरंजनी, आनंद, जूना, पंच दशनाम आवाहन, और श्री पंचाग्नि अखाड़े का अमृत स्नान संपन्न हुआ. यह आयोजन भक्ति, परंपरा और आध्यात्मिकता का अद्भुत महासंगम रहा, जिसमें श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई.