Mahakumbh 2025: Kota के ज्वेलर्स वल्लभ मित्तल ने (Prayagraj) महाकुंभ में सेवा कर रहे सुरक्षाकर्मियों, पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों, फायर ब्रिगेड कर्मियों, मेंटेनेंस कर्मचारियों और बाकी सेवादारों को 10,000 चांदी के सिक्के भेंट किए. इन सिक्कों पर महाकुंभ का विशेष लोगो डिजाइन किया गया था. इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न राज्यों से आए साधु-संतों को भी चांदी के सिक्के प्रदान किए.

सेवादारों को प्रोत्साहित करने की पहल

वल्लभ मित्तल, जो (Kota) के तलवंडी इलाके में स्थित वल्लभम सर्राफा के डायरेक्टर और स्टार्टअप 925 सिल्वर के फाउंडर हैं, ने बताया कि वह बुधवार को (Prayagraj) महाकुंभ में स्नान के लिए गए थे. उन्होंने पहले से ही तय कर लिया था कि महाकुंभ में सेवा कर रहे लोगों का उत्साहवर्धन करने के लिए कुछ अनोखा किया जाए. उनका कहना है कि जब देश-विदेश से श्रद्धालु कुंभ में पहुंचते हैं, तो सेवादारों की मेहनत को भी सराहना मिलनी चाहिए. इसी सोच के साथ उन्होंने महाकुंभ में अपनी सेवा दे रहे लोगों को चांदी के सिक्के भेंट किए.

1 से 10 ग्राम के सिक्के बनवाए

वल्लभ मित्तल और उनकी टीम ने 1 ग्राम, 2 ग्राम, 5 ग्राम और 10 ग्राम के कुल 10,000 चांदी के सिक्के बनवाए. ये सिक्के उन लोगों को दिए गए, जो कुंभ में अपनी सेवाएं दे रहे थे, जैसे कि पुलिसकर्मी, आर्मी और बीएसएफ के जवान, सीआईएफ के सदस्य, सफाईकर्मी, फायर ब्रिगेड के कर्मचारी, मजदूर, साधु-संत और बच्चों को. उनकी टीम ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र में घूमकर इन लोगों को पहचान कर सम्मानित किया.

मजदूरों और जरूरतमंदों को भी दिए गए सिक्के

वल्लभ मित्तल की टीम ने महाकुंभ में मौजूद नेत्रहीन संतों की टोली को भी चांदी के सिक्के दिए. वहीं, कुछ गरीब मजदूर महिलाओं ने बताया कि यह पहली बार है जब किसी ने उन्हें चांदी का सिक्का भेंट किया. जब भी किसी को सिक्का दिया जाता, उनके चेहरे पर जो खुशी झलकती थी, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल था.

महाकुंभ में लगातार सेवा देने वाले लोगों का तनाव कम करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए यह पहल की गई. कुछ लोग भंडारे का आयोजन कर रहे थे, कुछ पानी पिला रहे थे, तो कुछ सफाई का कार्य कर रहे थे—इन सभी को टीम ने चांदी के सिक्के देकर सम्मानित किया. वल्लभ मित्तल और उनकी टीम ने चार दिनों तक यह सेवा कार्य किया और फिर रविवार को (Kota) लौट आए.