प्रयागराज। महाकुंभ 2025 का भव्य शुभारंभ हो गया है। देश और दुनिया के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए खास ख्याल रखा जा रहा है। रहने खाने से लेकर ठहरने की विशेष सुविधा उपलब्ध कराई गई है। सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए है और चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए चार क्यूआर कोड भी जारी किए गए है। जिसे स्कैन करते ही मेला संबंधित सारी जानकारियां मोबाइल स्क्रीन में मिल जाएगी।

15 करोड़ से अधिक लोगों ने किया स्नान

प्रयागराज महाकुंभ में डुबकी लगाने वालों श्रद्धालुओं का आंकड़ा 15 करोड़ के पार पहुंच गया है। 17 दिनों में 15 करोड़ से ज्यादा लोग कुंभ स्नान कर चुके हैं, जो कि कुंभ मेले का अब तक का रिकॉर्ड है। महाकुंभ के पहले दिन एक करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी। मकर संक्रांति के दिन 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था। 26 जनवरी के मौके पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मौनी अमावस्या के मौके पर दूसरा शाही स्नान किया जाएगा। इस अवसर पर लगभग 8 से 10 करोड़ लोग संगम में शाही स्नान करेंगे।

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आज सुबह 55 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान

बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ में आज सुबह तक 55 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। 8 बजे तक 55.07 लाख लोग स्नान कर चुके थे। 10 लाख से ज्यादा लोग महाकुंभ में कल्पवास कर रहे हैं। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, अखिलेश यादव, रवि किशन, सीएम योगी और उनका पूरा मंत्रिमंडल संगम में स्नान कर चुके हैं।

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महाकुंभ क्यों मनाया जाता है

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ। अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं। ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक। इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है। जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है। गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है। सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।