प्रयागराज. महाकुंभ में देश-दुनिया के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालुओं के आने सिलसिला जारी है. मेला प्रशासन कल होने वाले तीसरे अमृत स्नान की तैयारियों में जुटा हुआ है. सीएम योगी ने भी शनिवार को तैयारियों का जायजा लिया था. बसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान करने के लिए करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. कल होने वाले अमृत स्नान के लिए सभी अखाड़ों के स्नान का शेड्यूल जारी किया गया है.
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बता दें कि महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान के लिए अखाड़ों का शेड्यूल जारी कर दिया गया है. अखाड़े कल पूरी भव्यता के साथ पवित्र स्नान करेंगे. सबसे पहले पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा सुबह 5:00 बजे संगम तट पर स्नान करेगा. इसके बाद पंचायती अखाड़ा निरंजनी और पंचायती अखाड़ा आनंद 5:50 पर स्नान करेगा. पंचदश नाम जूना अखाड़ा, पंचदश नाम आवाहन अखाड़ा और पंच अग्नि अखाड़ा 6:45 पर स्नान करेंगे. इसके बाद अखिल भारतीय पंच निर्मोहीअनि अखाड़ा 9:25 पर स्नान करेगा. अखिल भारतीय पंच दिगंबर अनि अखाड़ा 10:05 पर स्नान करेगा. अखिल भारतीय पंच निर्वाणी अनि अखाड़ा 11:05 पर स्नान करेगा. उसके बाद पंचायती नया उदासीन अखाड़ा दोपहर 12:00 बजे स्नान करेगा. 1:05 पर पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन अखाड़ा स्नान करेगा और फिर पंचायती निर्मल अखाड़ा दोपहर 2:25 पर स्नान करेगा.
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45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. हर 12 साल बाद लगने वाले इस कुंभ में 144 साल बाद खास संयोग बन रहा है, क्योंकि अब तक 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं. इसी वजह से इसे महाकुंभ कहा जा रहा है और इसमें आने वाला श्रद्धालुओं की संख्या पहले के किसी भी कुंभ से ज्यादा है. ऐसे में कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए यूपी सरकार ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है और इस बार AI बेस्ड कैमरे की मदद से लोगों की गिनती की जा रही है.
महाकुंभ क्यों मनाया जाता है
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है. जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं, तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.
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